Chhattisgarh Reservation amendment bill: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए दोनों चरणों का मतदान हो चुका है, अब इंतजार है सिर्फ नतीजों का। वहीं, इस दौरान प्रदेश में आरक्षण संशोधन बिल पर सियासत तेज हो गई है। इस बीच आरक्षण बिल को लेकर भाजपा सांसद सुनील सोनी ने बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला है। सुनील ने कहा कि मुख्यमंत्री जी नहीं चाहते थे कि आदिवासी, अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग को सही न्याय मिले। इन्होंने बिल को बहुमत के आधार पर पास किया और राज्यपाल जी से कभी चर्चा नहीं की।
राज्यपाल का सम्मान नहीं किया
बीजेपी सांसद ने प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को एक निजी आमदनी का जरिया बनाया। उन्होंने केवल दिल्ली को खुश करने के लिए अपने 5 साल समाप्त किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां एक आदिवासी बहन जो राज्यपाल थीं लेकिन, उनकी जिस प्रकार से बेज्जती की गई, उनके खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी की गई और उनके पद का सम्मान नहीं किया गया।
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बातचीत न करके सार्वजनिक बयानबाजी की
उन्होंने कहा कि राज्यपाल मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने वाले, उनको कुर्सी में बैठने वाले होते हैं लेकिन, उनके पद का भी सम्मान नहीं किया। उन्होंने लगातार राज्यपाल और राज भवन पर उंगली उठाए, इसको मैं अपमान भी मानता हूं और अपराध भी। उन्होंने आगे कहा कि बातचीत का और चर्चा का दरवाजा हमेशा खुला रहता है लेकिन, उन्होंने इस रास्ते को न अपना कर सार्वजनिक बयानबाजी की है। यह छत्तीसगढ़ के लिए शर्मनाक है और पूरे देश के लोग इस बात पर निंदा कर रहे हैं।
इस दौरान सुनील ने पंजाब पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और छत्तीसगढ़ के आरक्षण संशोधन बिल लेकर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का सभी लोग पालन करते हैं तो, उनके अंदर कहीं किंतु-परंतु नहीं है। अगर कोर्ट कोई निर्देश देता है तो महामहिम उस पर विचार करेंगे, क्योंकि वह इसके लिए स्वतंत्र हैं और वही इस पर निर्णय लेंगे।
भूपेश बघेल के महापुरुष वाले बयान पर किया पलटवार
बीजेपी सांसद ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महापुरुष वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भूपेश बघेल जी पागलपन के शिकार हो गए हैं और मानसिक रोग से एक ग्रस्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी बड़ी वृहद भाषा होती है, पद की अपनी गरिमा होती है। वहीं, जब नासमझ लोग एक हिंदी के विकृत स्वरूप को अगर आत्मसाध करते हैं तो इसी तरीके के शब्द निकलते हैं और यह निंदनीय है।