Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए 7 नवंबर (मंगलवार) को 20 सीटों पर मतदान होना है, जहां भाजपा भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ पूरी ताकत लगा रही है। वहीं, कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापसी के लिए पूरी तैयारी में लगी हुई है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा का दबदबा रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी राज्य में एक नई पार्टी है, जिसने 2018 के चुनावों में पहली बार अपनी किस्मत आजमाई थी।
#WATCH छत्तीसगढ़: विधानसभा चुनाव से पहले नारायणपुर में मतदान दल हेलीकॉप्टर से नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हुए।
---विज्ञापन---छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 के लिए पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा।#ChattisgarhElections2023 pic.twitter.com/8ox5T1kLx2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2023
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बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। वहीं, पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सात जिलों और चार अन्य जिलों राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई की 20 सीटों पर मतदान होगा।
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अधिकारियों के मुताबिक मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा (सभी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित) निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा। जारी एक बयान में कहा गया है कि शेष 10 सीटों खैरगढ़, डोंगरगढ़ (अनुसूचित जाति), राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, पंडरिया, कवर्धा, बस्तर (एसटी), जगदलपुर और चित्रकोट (एसटी) पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच वोटिंग होगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के प्रमुख मुद्दे
कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल की लोकप्रियता पर भारी भरोसा कर रही है। बघेल ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो, उनकी पार्टी किसानों का कर्ज माफ कर देगी। बघेल सरकार ने इससे पहले 2018 विधानसभा चुनाव के बाद राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए थे।
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वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण, भ्रष्टाचार और हिंसा सहित कई मुद्दों पर आरोप लगाया है। भाजपा ने राज्य में भ्रष्टाचार को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है, चुनाव से पहले कई घोटाले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कई घोटालों और कथित तौर पर दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की मदद के लिए केंद्रीय धन के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है।
छत्तीसगढ़ 2018 विधानसभा चुनाव परिणाम
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 68 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करते हुए अपनी सरकार बनाई। वहीं, भाजपा 15 सीटों पर ही सिमट गई थी, जबकि जेसीसी (जे) और बसपा को 5 और 2 सीटें मिलीं थी। वर्तमान में राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 सीटें हैं।
कांग्रेस- 68
बीजेपी- 15
बीएसपी+- 7
अन्य- 0
प्रमुख राजनीतिक दल एवं गठबंधन
छत्तीसगढ़ में हमेशा भाजपा और कांग्रेस के बीच द्विध्रुवीय राजनीति देखी गई है। हालांकि, राज्य में 2018 के चुनावों में तीसरे पार्टी सामने आई है, जब पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा और सात सीटों पर जीत हासिल कीं। वहीं, इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP से भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आम आदमी पार्टी ने भी प्रदेश की 45 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है।
विधानसभा चुनाव की कुछ प्रमुख सीटें
पाटन- सीएम भूपेश बघेल राजधानी रायपुर की सीमा से लगे दुर्ग जिले के इस ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2008 को छोड़कर, बघेल 1993 से इस सीट से पांच बार चुने गए हैं, जहां वह भाजपा के विजय बघेल से हार गए थे।
राजनांदगांव- यह सीट वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने करुणा शुक्ला को मैदान में उतारा था, जो बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गईं थीं। कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को रमन सिंह के खिलाफ इस सीट से मैदान में उतारा गया है।
अम्बिकापुर- यह आदिवासी बाहुल्य सीट वर्तमान में उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के पास है, जो कांग्रेस के भीतर भूपेश बघेल के भी प्रतिद्वंद्वी हैं।
कोंटा- एसटी सीट दक्षिण छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आती है।
कोंडागांव- दक्षिण छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की यह सीट वर्तमान में पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मोहन मरकाम के पास है।
शक्ति- छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को उनकी सक्ती सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया गया है।
अहिवारा- राज्य मंत्री गुरु रुद्र कुमार, जिन्होंने 2018 का चुनाव अहिवारा सीट (दुर्ग जिले) से लड़ा था, इनको पड़ोसी बेमेतरा जिले के नवागढ़-एससी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है।
प्रमुख उम्मीदवार
भूपेश बघेल- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पारंपरिक विधानसभा सीट पाटन से नामांकन पत्र दाखिल किया है, जहां से वह पांच बार 1993, 1998, 2003, 2013 और 2018 में चुने गए हैं। 2008 में, वह भाजपा के विजय बघेल से हार गए थे, जो उनका भतीजा भी है।
रमन सिंह- पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 2003 से 2018 के बीच पंद्रह वर्षों तक छत्तीसगढ़ पर शासन किया है। भाजपा के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक सिंह इस साल राजनांदगांव सीट से चुनावी मैदान में हैं।
टीएस सिंह देव- शाही परिवार के वंशज और तीन बार के विधायक टीएस सिंह देव 2008 से अंबिकापुर सीट से जीत रहे हैं। एडीआर की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, वह 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक हैं।
बृजमोहन अग्रवाल- बृजमोहन अग्रवाल एक प्रमुख भाजपा नेता और पूर्व मंत्री हैं, जो 1990 से सात बार शानदार जीत दर्ज करके राज्य में अपराजित रहे हैं। अग्रवाल को भाजपा नेतृत्व में सबसे वरिष्ठ नेता माना जाता है।
चरणदास दास महंत- छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता चरण दास महंत राज्य में पार्टी के अभियान का सबसे आगे रहकर नेतृत्व कर रहे हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले महंत को राज्य में विभिन्न पार्टी गुटों के बीच ‘तटस्थ चेहरे’ के रूप में व्यापक स्वीकार्यता प्राप्त है। उन्होंने 1998 में अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता और 1999 और फिर 2009 में चुने गए।