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विधानसभा चुनाव 2023: छत्तीसगढ़ का एक ‘गांव’ आजादी के बाद पहली बार करेगा मतदान

Baster Chandameta village Voting First Time: बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसे नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव के लिए यह किसी महापर्व से कम नहीं है, क्योंकि इस गांव के लोग आजादी के 75 साल बाद पहली बार मतदान करेंगे।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 31, 2023 16:16
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Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पार्टियों से लेकर चुनाव आयोग तक सभी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बीच मतदाताओं में भी वोट डालने को लेकर काफी उत्साह है। वहीं, बस्तर जिले के अंतिम छोर में बसे नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव के लिए यह किसी महापर्व से कम नहीं है, क्योंकि इस गांव के लोग आजादी के 75 साल बाद पहली बार मतदान करेंगे।

16 लोगों को किया गया रिहा

इस चांदामेटा गांव के ग्रामीणों को दशकों बाद नक्सल भयमुक्त कर जिला प्रशासन की टीम लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने के लिए जागरूक कर रही है। इधर एक तरफ जहां ग्रामीणों में मतदान को लेकर उत्साह है तो, वहीं नक्सल मामलों में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद ग्रामीणों के रिहाई होने के बाद उनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है। दरअसल, चांदामेटा गांव के 25 से अधिक ग्रामीण पिछले कुछ वर्षों से नक्सली सहयोगी के आरोप में जेल में बंद थे। इसके बाद लंबे समय तक चले सुनवाई के बाद ग्रामीणों के निर्दोष साबित होने के बाद 25 में से 16 लोगों को छोड़ दिया गया है।

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छत्तीसगढ़-ओड़िशा के बॉर्डर पर स्थित है गांव

दरभा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला चांदामेटा गांव छत्तीसगढ़-ओड़िशा के बॉर्डर में स्थित है। इस इलाके में नक्सलियों के बड़े नेता हमेशा सक्रिय रहते थे और नक्सलियों का ट्रेनिंग कैंप भी इस इलाके में रहा करता था, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पुलिस शक की निगाहों से देखती थी और इन इलाके में हुए नक्सली घटनाओं में गांव के संदिग्ध ग्रामीणों को नक्सल सहयोगी बताकर गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया था। हालांकि, न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते इन ग्रामीणों को अब रिहाई मिल रही है।

न्यायालयीन प्रक्रिया जारी

बस्तर जिले के एसएसपी जितेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की रिहाई की न्यायालयीन प्रक्रिया चल रही है और बस्तर पुलिस की ओर से यह लगातार प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द न्यायालयीन प्रक्रिया में गवाहों को प्रस्तुत कर सके, जिससे कि न्यायालय की प्रक्रिया पूरी हो जाए। इधर, पहली बार चांदामेटा गांव के ग्रामीणों के साथ-साथ जेल से रिहा हुए ग्रामीण भी लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होकर मतदान करेंगे।

 

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Written By

Shailendra Pandey

First published on: Oct 31, 2023 04:16 PM
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