Chhattisgarh: सुकमा जिले के प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए जिला प्रशासन भरसक प्रयास कर रही है। आमजनों के बीच बीमारियों के रोकथाम और उनके बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाता रहा है। वहीं क्षय रोग को लेकर लोगों में पहले के मुकाबले काफी ज्यादा जागरूकता आई है। इस रोग पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए जागरूकता और जनसहयोग भी जरूरी है। फेफड़ों के साथ अन्य अंगों को संक्रमित करने वाली टीबी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिनों को प्रशिक्षित करके आमजनों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करके उपचार कराने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसी का परिणाम है कि सुदूर अंचलों के ग्रामीण भी पारंपरिक चिकित्सा के साथ स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में आमजनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है।
पिछले 3 सालों में लगभग 1152 लोगों ने जीता क्षय रोग से जंग
जिले में पिछले पांच वर्षों में पंजीकृत 1315 लोगों में से 1152 लोग क्षय रोग से मुक्त हुए। 61 लोगों ने उपचार के लिए न ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और न ही किसी स्वास्थ्य कर्मी के संपर्क में आये। 11 ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने इलाज के दौरान बीच में ही दवा लेना बंद कर दिया जिनका पुनः इलाज किया जा रहा है। वर्ष 2019 से अब तक एमडीआर के कुल 10 मरीज शामिल है। वहीं 2022 में पंजीकृत 493 में 335 व्यक्तियों को क्षय रोग से मुक्त किया गया है। वहीं वर्ष 2023 में अब तक 134 व्यक्ति पंजीकृत है, जिनका स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में नियमित जांच और उपचार किया जा रहा है।
मरीजों को दी जा रही निक्षय पोषण योजना का लाभ
जिले में क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में क्षय रोगी को 6 से 12 माह तक जांच और उपचार निःशुल्क मुहैया कराई जाती है। साथ ही मरीज के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह 500 की दर से 3000 रुपये और संवेदनशील जिला होने के कारण मरीज को परिवहन किराया के रूप में 725 रुपये ट्रांसफर करके लाभान्वित किया जाता है।
निक्षय मित्र क्षय रोग के रोकथाम में निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका
जिले में क्षय रोग के संक्रमण को समाप्त करने के लिए अधिकारी, कर्मचारियों, चिकित्सकों के साथ ही आमजन निक्षय मित्र के रूप में पंजीयन करके सहभागिता निभा रहे हैं। जिले में पंजीकृत 52 निक्षय मित्रों ने लगभग 150 मरीजों को गोद लेकर 6 माह तक पोषण आहार भी प्रदान कर रहे हैं।
स्वास्थ्य शिविर में चिन्हाकित किये गए 192 सक्रिय मरीज
स्वास्थ्य शिविरों में आमजनों को जागरूक करके उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है। वर्ष 2019 से 2022 तक कुल 70 स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें 1791 व्यक्तियों का सैंपल लिया गया जिनमें 192 टीबी पॉजिटिव पाए गए जिनका विभाग की निगरानी में उपचार एवं दवाई देकर चिकित्सा संबंधित परामर्श दी गई। वर्तमान में 3 शिविर के माध्यम से 103 व्यक्तियों का सैंपल लिया गया है। साथ ही टीबी नियंत्रण अधिकारियों एवं कर्मचारियों के माध्यम से दूरस्थ पहुंचविहीन इलाकों में जाकर सर्वे कर टीबी मरीजों की पहचान किया जा रहा है।