छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है। सीबीआई ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की। महादेव बेटिंग ऐप मामले में बघेल के घर समेत कई जगहों पर छापेमारी जारी है। बता दें कि इस मामले में पहली बार सीबीआई ने छापेमारी की है। इससे पहले इस मामले की जांच ईडी कर रही थी। बघेल के अलावा सीबीआई की टीम ने उनके राजनीतिक सलाहकार और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा, आईपीएस शेख आरिफ, आईपीएस आनंद छाबड़ा, आईपीएस अभिषेक महेश्वरी, आईपीएस अभिषेक पल्लव, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, एडिशनल एसपी संजय ध्रुव, आईपीएस प्रशांत अग्रवाल और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के ठिकानों पर भी CBI ने छापेमारी की है।
अब CBI आई है.
---विज्ञापन---आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.
उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुँच चुकी है.
---विज्ञापन---(कार्यालय-भूपेश बघेल)
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 26, 2025
सीबीआई एक्शन के बाद बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि अब सीबीआई आई है। 8 और 9 अप्रैल को अहदाबाद में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित ड्राफ़्टिंग कमेटी की मीटिंग के लिए आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम था। उससे पहले ही सीबीआई रायपुर और भिलाई स्थित निवास पहुंच चुकी है।
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जानें क्या है महादेव ऐप
बता दें कि महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर्स चांस गेम्स, कार्ड गेम्स, पोकर नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबाॅल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी की जाती थी। इस ऐप के सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। ऐप के जरिए धोखाधड़ी की जाती थी।
इस ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के तौर पर बेचते थे। यूजर को शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता था। जानकारी के अनुसार ऐप के प्रमोटर ने ऐसा एल्गोरिदम तय किया कि ऐप में पैसा लगाने वाले केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही जीतते थे। दोनों प्रमोटर कमाई का 80 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखते थे।
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