बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों को घायल मरीजों का इलाज फोन की फ्लैशलाइट से करना पड़ा, क्योंकि शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लगने से इमारत में बीते पांच दिनों से बिजली नहीं है।
अस्पताल में नहीं थी बिजली
बता दें कि किलेपाल में शुक्रवार शाम ट्रक और बस की टक्कर में दो लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए थे। घायलों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन पहुंचने पर पता चला कि वहां बिजली ही नहीं है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर थी और उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिमारापाल मेडिकल कॉलेज भेजना पड़ा। अस्पताल की एम्बुलेंस भी बुलाने के बावजूद घटना स्थल पर नहीं पहुंची थी और घायलों को अस्पताल के पास रहने वाले चित्रकोट विधायक राजमन बेंजामिन और बास्तानार गांव के तहसीलदार के वाहनों में हॉस्पिटल ले जाया गया था।
यह भी पढ़ें-अमृत मिशन योजना का दूसरा चरण; 500 करोड़ की मिली मंजूरी, बनेंगे 150 से ज्यादा तालाब
परिजनों ने कार्रवाई की मांग की
हादसे में घायल यात्रियों के परिजनों ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी परिजनों का समर्थन किया और कहा कि पूरे बास्तानार ब्लॉक में यह एकमात्र बड़ा हॉस्पिटल है, जिस पर क्षेत्र के सभी ग्रामीण निर्भर हैं।
इस मामले को लेकर विधायक राजमन बेंजामिन ने कहा कि उन्होंने बिजली विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने और अस्पताल में सभी समस्याओं को तुरंत ठीक करने का निर्देश दिया है। इस मामले को लेकर पूछे जाने पर पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी अजय कुमार टेम्बर्न ने दावा किया कि शॉर्ट सर्किट की घटना के तुरंत बाद इमारत में शुरुआती मरम्मत कर दी गई थी।
Edited By