Chhattisgarh Bastar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज से शुरू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने देश की 102 सीटों पर मतदान करवाने की तैयारी कर ली है। पहले चरण में 8 राज्यों की कई सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। मगर इस बीच सभी की नजर छत्तीसगढ़ की सबसे सेंसिटिव सीट बस्तर पर है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर सुबह 7 बजे से 3 बजे तक मतदान होंगे।
1961 मतदान केंद्र पर चुनाव
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहब कंगाले ने बताया कि पहले चरण में चुनाव की पूरी तैयारी हो गई हैं। कुल 1961 मतदान केंद्र में वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं और 6 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 3 बजे तक वोटिंग होगी। बस्तर और जगदलपुर में सुबह 7 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। बस्तर लोकसभा में कुल 14 लाख 72 हजार 207 वोटर हैं। बस्तर लोकसभा में 196 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। पूरे बस्तर में 300 कंपनी तैनात हैं और 60 हजार से ज्यादा जवान एक हफ्ते से तैनात हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2024 के तहत मतदान केंद्रों में मतदाताओं को मतदान करने में सहायता हेतु दिशा-निर्देश जारी कर एपिक कार्ड के अलावा 12 अन्य प्रकार के पहचान पत्रों को प्रस्तुत कर मतदान करने की सुविधा प्रदान की गयी।#eco #bastar #election2024 #ECI pic.twitter.com/VRe13QzwvD
— Bastar District (@BastarDistrict) April 17, 2024
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चुनाव आयोग के लिए क्यों चुनौती बना बस्तर?
छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट रेड कॉरिडोर का हिस्सा है, यानी वो जगह जहां नक्सलवाद सबसे ज्यादा एक्टिव है। जाहिर है नक्सलवादी चुनाव का विरोध करते हैं। चुनाव के दौरान नक्सलवादी अक्सर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के मंसूबे बनाते हैं, जिन्हें नाकाम करने के लिए चुनाव आयोग ने पहले चरण में सिर्फ बस्तर पर फोकस किया है। छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीटें हैं लेकिन आयोग ने पहले चरण के अंतर्गत सिर्फ बस्तर में मतदान करवाने का फैसला किया है।
बस्तर लोकसभा सीट
कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा रहा बस्तर 2000 में छत्तीसगढ़ में शामिल हो गया। बस्तर लोकसभा सीट में कुल 8 विधानासभा सीटें हैं, जिन्हें कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा का नाम ने जाना जाता है। वैसे तो चुनाव आयोग ने बस्तर में कई पोलिंग बूथ बनाए हैं। मगर बस्तर और दंतेवाड़ा में मौजूद पोलिंग बूथ काफी सेंसिटिव हैं।
बस्तर में चुनाव की तैयारियां
बस्तर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। चुनाव आयोग के ज्यादातर पोलिंग बूथ पुलिस स्टेशनों में मौजूद हैं। बस्तर की आबादी 1 करोड़ से ज्यादा है, जिनके मतदान करवाने के लिए केंद्रीय पुलिस फोर्स भी जिले में तौनात कर दी गई हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पूरे बस्तर में CRPF की 350 कंपनियां मौजूद है तो वहीं दंतेवाड़ा क्षेत्र में अलग से CRPF की 20 कंपनी तैनात की गई हैं। प्रशासन ने 179 मतदान केंद्रों को शैडो एरिया के रूप में चिन्हित किया है, जहां नक्सली हमले होने की संभावना अधिक है।
पुलिस कर्मियो द्वारा लोगो को मतदाता जागरूकता का संदेश।#election2024 #SVEEP #bastar pic.twitter.com/W2UQu5NyPm
— Bastar District (@BastarDistrict) April 15, 2024
नक्सली हमलों की आशंका
बस्तर में नक्सली हमलों की खबरें तो आए दिन अखबारों में छपती हैं। मगर चुनाव के मामले में बस्तर का इतिहास काफी दुखद रहा है। वोटिंग का विरोध करने वाले नक्सली लोगों के अंगूठे तक काट लेते हैं, जिससे वो मतदान ना कर सकें। यही नहीं कई नेताओं के काफिले पर हमले, EVM तोड़ने, VVPAT चुराने और पोलिंग बूथ पर गोलीबारी जैसी घटनाएं बस्तर में कभी आम होती थीं। अब हालात काफी हद तक बदल गए हैं मगर नक्सलियों का खतरा पूरी तरह से नहीं टला है। यही वजह है कि बस्तर में वोटिंग को लेकर ना सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि केंद्रीय और राज्य सरकारें भी अलर्ट है।
बस्तर की जनसभा में उमड़े मेरे परिवारजनों के उत्साह और उमंग ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में लोकसभा की सभी सीटों पर कमल खिलने वाला है। pic.twitter.com/7G0almleRC
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2024
बस्तर का चुनावी समीकरण
बता दें कि 1951 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद से ही बस्तर में कांग्रेस की सरकार रही है। 1998 में बस्तर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खेमे में आ गया। 1998 से 2014 तक बस्तक भाजपा का गढ़ रहा है। मगर 2019 में यहां फिर से कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया। ऐसे में अपना गढ़ वापस पाने के लिए पीएम मोदी भी बस्तर में रैली कर चुके हैं तो राजनाथ सिंह से लेकर बीजेपी के कई स्टार प्रचारक भी बस्तर में एक्टिव हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार बस्तर में जीत का ताज किस पार्टी के सिर पर सजेगा?