Who is Sanjay Singh who defeated Tej Pratap Yadav: राजद से निकाले जाने के बाद जब तेजप्रताप यादव ने महुआ सीट से बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया तो अचानक महुआ सीट चर्चा में आ गई थी. महुआ वही सीट है, जहां से 2015 में आरजेडी के टिकट पर तेजप्रताप ने 2015 में अपना पहला चुनाव जीता था, इस बार तेजप्रताप को महुआ से करारी शिकस्त देने वाले संजय सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में लोक जन शक्ति पार्टी की टिकट पर इसी सीट से उतरे थे और तीसरे नंबर पर रहे थे. राजद के मुकेश कुमार रौशन ने उन्हें हराया था. आज उन्होंने पिछली हार का बदला लेते हुए राजद प्रत्याशी मुकेश कुमार रौशन को करीब 20 हजार वोटों से मात दी. तेजप्रताप लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं.
हम तो डूबेगे सनम तुमको भी ले डूबेगे
Tej Pratap Yadav to RJD 😆😂#bihar #BiharElection2025 pic.twitter.com/4coabtX5xq---विज्ञापन---— Engineer Xplains (@engineer_inside) November 14, 2025
एडीआर रिपोर्ट में देखें संजय सिंह की कुंडली
एडीआर रिपोर्ट में 2020 में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, लोक जन शक्ति पार्टी रामविलास के संजय सिंह किसान और उद्योगपति हैं. बिहार में वैशाली जिले के महुआ क्षेत्र के निवासी हैं. उनके पिता स्वर्गीय रामनाथ सिंह है. रिपोर्ट के मुताबिक, उनके खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत आदि से जुड़े 9 क्रिमिनल केस दर्ज थे. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री ले चुके संजय सिंह के पास 4 करोड़ 60 लाख की चल अचल संपत्ति है.
महुआ में किस पार्टी को कितनी बार मिली जीत?
इस सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस को जीत मिली. बीच में महुआ सीट को भंग कर दिया गया था. हालांकि, 1977 में इसे पुनः अस्तित्व में लाया गया. अस्तित्व में आने के बाद अभी तक यहां पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली है. अब तक RJD को 5 बार, जनता दल और जनता पार्टी को 2-2 बार जीत मिल चुकी है. वहीं, JDU और लोक दल ने भी एक-एक बार महुआ सीट अपने नाम की है.
महुआ में कितने रजिस्टर्ड वोटर्स हैं?
महुआ के रजिस्टर्ड वोटर्स की बात करें तो यहां पर 2020 के विधानसभा चुनाव में 2,86,501 रजिस्टर्ड वोटर्स थे. जिनमें अनुसूचित जाति के वोटर्स कुल 21.17 फीसदी बताए गए. वहीं, मुस्लिम समुदाय के वोटर्स 15.10 फीसदी तक बताए गए हैं. बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव तक वोटर्स की संख्या बढ़कर 2,97,532 तक हो गई.










