बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। शनिवार को RJD नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान वोट अधिकार यात्रा की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि वोट अधिकार यात्रा सासाराम से शुरू होगी। इसकी शुरुआत राहुल गांधी करेंगे।
जब POK के कब्जा करना था तब सीजफायर करा लिए
तेजस्वी ने इस दौरान पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि पानी और खून एक साथ नहीं बहेगा। असल में डायलॉग देने से कुछ नहीं होगा। जब POK पर कब्जा करने का मौका था तब सीजफायर करा लिए, अब डायलॉग दे रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हम घुसपैठियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। आखिर आप पिछले 11 साल से क्या कर रहे थे। जहां चुनाव होता है पीएम मोदी को घुसपैठिए नजर आ जाते हैं। पीएम झारखंड में भी इस मुद्दे को लेकर गए थे लेकिन जनता ने उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया था। बिहार में भी उन्हें कुछ ऐसा ही जवाब मिलेगा।
वोट चोरी के बारे में जनता को बताएंगे
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सासाराम की धरती से शुरू होने वाली ऐतिहासिक होगी। लोगों को उनके वोट अधिकार की ताकत बताई जाएगी। जनता को बताया जाएगा कि एनडीए सरकार कैसे उनका वोट चोरी करा रही है। इस यात्रा में महागठबंधन के सभी नेताओं के साथ बिहार की जनता भी रहेगी।
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी ‘वोट अधिकार यात्रा’ से देंगे विरोधियों को जवाब, 16 दिन में करेंगे 1300 किलोमीटर का सफर
महागठबंधन की बनेगी सरकार
प्रशांत किशोर पर पूछे गए एक सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। महागठबंधन को सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है। हर जाति और धर्म के लोगों के समर्थन से उनकी सरकार बनेगी। कुछ लोग जो इधर-उधर की बात कर रहे हैं वो सभी डरे हुए हैं। इसीलिए ऐसी बात कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: 5 साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी, चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान
BJP और चुनाव आयुक्त पर साधा निशाना
भाजपा द्वारा वोटर अधिकार यात्रा को पिकनिक बताया गया था। इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा लौकी पिकनिक बनाती है। उनके प्रधानमंत्री कहां-कहां पिकनिक नहीं जाते। हम तो फिर भी जनता के बीच रहकर उनके मुद्दों की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त जनता शिकायत कर रही है कि उन्हें BLO नहीं मिल रहा है। यह बात चुनाव आयुक्त को जनता के बीच जाकर बतानी चाहिए कि उनकी समस्या का समाधान कैसे होगा।