सीतामढ़ी से आदित्यानंद आर्य की रिपोर्ट : जिले में पांच दिनाें तक बाघ (Tiger) को पकड़ने के लिए वन विभाग (Forest Department) ने अभियान चलाया था। लेकिन टीम बाघ को नहीं पकड़ पाईं थी। टीम के लौटते ही शहर से सटे पुनौरा थाना क्षेत्र में बाघ ने दो घोड़ों को अपना शिकार बनाया हैं। घोड़ों के शव पर मिले बाघ के हमले के निशान को देख पूरे इलाके में दहशत का माहौल हैं। एक बार फिर जिले से वन विभाग की टीम और स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंच जांच में जुट गई हैं।
टीम के लौटते ही बाघ ने किया हमला
5 जनवरी से 11 जनवरी तक वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया था। जिसमे 6 जनवरी को पटना, मुज़फरपुर, बेतिया, मोतिहारी और सीतामढ़ी की टीम लगातार बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाती रही। जिसमे सफलता न मिलने के बाद टीम बाघ के नेपाल लौटने की बात कह लौट गई। जिसके बाद 11 जनवरी की रात शहर से सटे खड़का में बाघ ने हमला कर उमेश यादव के अस्तबल में बंधे दो घोड़ों को मार डाला।
रमनगरा में मिली थी बाघ की खबर
जिले के रीगा प्रखंड के रामनगरा गांव में पहली बार 5 जनवरी को बाघ के मौजूदगी की खबर मिली थी। जहां खेत में काम कर रही दो महिलाओं पर बाघ ने हमला बोला था। इस हमले में महिलाएं बुरी तरीके से घायल हो गई थी। जिसे इलाज के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर दोनो महिलाओं को मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच रेफर कर दिया था।
सोशल मीडिया पर उड़ रही अफवाहें
रीगा में पहली दफा हमले के बाद बाघ के विभिन्न इलाकों में होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दूसरी जगहों की बाघ की तस्वीर को सोशल मीडिया में यह बता कर वायरल किया जा रहा हैं की वो सीतामढ़ी के ग्रामीण, स्टेशन रोड तो कभी एनएच पर घूम रहा हैं। जिसके बाद से ग्रामीण इलाके के साथ शहरी इलाके के लोग भी दहशत के साये में हैं।
क्या कहते है अधिकारी
सीतामढ़ी के जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने बताया कि खड़का में जो पग मार्ग पहले मिले है, वैसे ही पग मार्क पहले भी मिले थे। इससे साबित हो रहा है कि बाघ अभी जिले में ही है। तत्काल सीतामढ़ी वनविभाग टीम घटनास्थल पर पहुंच बाघ की तलाश कर रही हैं। फिलहाल लोगों को घरों से अनावश्यक न निकलने और सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा हैं।