कैमूर से अजय कुमार सिंह रिपोर्ट : बिहार के कैमूर में आज तीन लोगों ने रामचरितमानस के विवादित बयान को लेकर 3 लोगों ने व्यवहार न्यायालय भभुआ में परिवाद दाखिल कराया। उन्हाेंने बताया कि भगवान राम और उनके चरित्र का विवरण देने वाली पुस्तक रामचरितमानस के प्रति हमारी आस्था को शिक्षा मंत्री ने ठेस पहुंचाया है।
अधिवक्ता बोले- हिंदू धर्म पर पहुंची ठेस
व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया रामचरितमानस में हिंदू धर्म के लोगों की आस्था और विश्वास जुड़ा है। शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करके धर्म के प्रति नफरत फैलाई है। जिससे हिंदू धर्म पर ठेस पहुंचा। इसलिए शिक्षा मंत्री पर 3 लोगों ने परिवाद दाखिल कराया।
रामचरितमानस 100 करोड़ लोगों की आस्था का ग्रंथ
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने बताया बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस पर सवाल उठाया गया है उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाला है उनका यह बयान बहुत ही गलत है क्योंकि रामचरितमानस 100 करोड़ लोगों की आस्था का ग्रंथ है। हिंदुओं का ग्रंथ है हम सभी उस पर विश्वास करते हैं उन्होंने इस तरह की बात बोल कर 100 करोड़ हिंदुओं को ठेस पहुंचाई हैं इसलिए आज भभुआ न्यायालय में लोगों के द्वारा उन पर परिवाद दाखिल किया गया है।