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SDRF ने नाव में फंसे लोगों को बचाया, हलक में आ गई थी जान

अमिताभ ओझा, पटना: बुधवार शाम 4:30 बजे सोनपुर के कोनहारा घाट से एक किलोमीटर उत्तर गंगा-गंडक संगम के स्थल पर लकड़ी के बड़े बोट में सवार लगभग 190 लोग फंस गए। नाव लगभग 2 घंटे तक नदी में फंसी रही। दरअसल, नाव के इंजन का propellar (पंखी) बालू में फंस गया और धारा तेज होने […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 9, 2022 23:24
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SDRF
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अमिताभ ओझा, पटना: बुधवार शाम 4:30 बजे सोनपुर के कोनहारा घाट से एक किलोमीटर उत्तर गंगा-गंडक संगम के स्थल पर लकड़ी के बड़े बोट में सवार लगभग 190 लोग फंस गए। नाव लगभग 2 घंटे तक नदी में फंसी रही। दरअसल, नाव के इंजन का propellar (पंखी) बालू में फंस गया और धारा तेज होने के कारण दूसरी कोई लकड़ी की बोट वहां मदद करने नही आ पा रही थी।

SDRF से लगाई गुहार

नाव पर से फंसे किसी के परिजन ने SDRF के हाजीपुर टीम कमांडर को खबर कर मदद की गुहार लगाई। इसके बाद SDRF के टीम कमांडर SI धुरेन्दर सिंह जिला प्रशासन को सूचित कर अपने 3 बोट और 10 जवानों को लेकर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद टीम ने लगभग 150 लोगों को बोट से निकाल कर कोनहारा घाट तक पहुंचाया।

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अरवल-जहानाबाद जिले के रहने वाले थे लोग

इसके बाद लकड़ी की नाव हल्का होने से फंसा प्रोपेलर स्वत: बालू से निकल आया और नाव वाला बाकी सवारी को लेकर सुरक्षित गंगा (पटना) के तरफ चला गया। फंसे लोग अरवल-जहानाबाद जिले के रहने वाले थे।

क्षमता से ज्यादा सवारी

ये लोग पटना से नाव लेकर सोनपुर आये थे और मेल घूमकर वापस जा रहे थे। सवारी महिलाओं ने पत्रकारों को बताया कि नाव के डूबने की आशंका से महिलाओं ने ज्यादा सवारी लेने का विरोध किया था लेकिन नाव के नाविक ने अनसुना कर दिया और क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर बिठा लिया। नाव क्षमता से कई गुना अधिक सवारी को लेकर आ रही थी, इसलिए दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी।

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HISTORY

Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 09, 2022 11:24 PM

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