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बिहार

बिहार में अनोखा विरोध प्रदर्शन, RJD विधायक मुकेश कुमार यादव ने खोली नीतीश सरकार की पोल

Bihar Assembly Session 2025: बिहार विधानसभा के बाहर आज RJD विधायक मुकेश कुमार यादव ने विरोध प्रदर्शन किया और नीतीश सरकार की पोल खेली। विधायक ने सरकार की नल जल योजना का सच बताया और अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की व्यथा सुनाई। उन्होंने सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 25, 2025 13:20
Bihar Assembly Session | RJD MLA Protest | Nitish Kumar
बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करते विधायक मुकेश कुमार यादव।

Protest in Bihar Assembly: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के आखिरी दिन आज RJD विधायक ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। विधायक मुकेश कुमार यादव ने काले कपड़े और गले में पानी के पाइप की माला पहनकर, हाथों में तख्तियां लेकर बिहार विधानसभा के बाहर ‘नल-जल योजना’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी में लोग पानी से वंचित हैं। प्यास से मर रहे हैं। नलों में पानी नहीं आता और जमीन के नीचे का पानी गंदा-बदबूदार है।

 

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विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा था खत

विधायक मुकेश ने कहा कि नीतीश सरकार की नल-जल योजना पूरी तरह विफल है। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, संबंधित मंत्रालय और कलेक्टर तक को पत्र लिखा, लेकिन किसी ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया। विधानसभा सत्र में कार्य स्थगन प्रस्ताव भी दिया, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। सरकारी योजना लागू होने के बावजूद लोगों को अपने पैसे खर्च करके पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है, जिससे पानी लेने के लिए महिलाएं हाथों में मटके और बर्तन लेकर लाइन में लगी रहती हैं। घंटों लाइन में लगकर पानी का इंतजार करती हैं, तब उनकी और उनके परिवार की प्यास बुझती है।

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मानसून सत्र में योजना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन

बता दें कि बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 21 जुलाई से 25 जुलाई 2025 तक चला। यह 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र था, क्योंकि इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन 17वीं विधानसभा का आखिरी सत्र ‘हर घर नल का जल’ योजना के कारण हंगामेदार रहा। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने योजना में भ्रष्टाचार और खराब रखरखाव का आरोप लगाया। 33 जिलों में जलसंकट गहराने का मुद्दा उठाया

क्योंकि इन जिलों में नल से पानी न आने, पाइपलाइन खराब होने और पानी में बैक्टीरिया/आर्सेनिक होने की शिकायतें आई हैं। RJD ने नीतीश सरकार को भ्रष्ट बताते हुए विधानसभा में नारेबाजी और पोस्टर प्रदर्शन किए, जिससे सत्र की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। इस मुद्दे पर बीते दिन 24 जुलाई को RJD नेता तेजस्वी यादव और डिप्टी CM सम्राट चौधरी के बीच तीखी बहस भी हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया गया।

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बिहार के इन जिलों में गहराया है जलसंकट

बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) और केंद्रीय भूजल बोर्ड आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश की 80 प्रतिशत आबादी जलसंकट झेल रही है। 38 में से 33 जिलों अररिया, बांका, बेगुसराय, भभुआ, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, वैशाली, पश्चिम चंपारण में जलसंकट काफी गहरा गया है।

लोग जमीन की खुदाई से निकलने वाला पानी पीने को मजबूर हैं, क्योंकि इन जिलों का पानी पीने के लायक नहीं है। यह जिले गंगा किनारे बसे हैं और इनके घरों में आर्सेनिक मिला पानी आता है। दक्षिण बिहार के पानी में फ्लोराइड का लेवल तय मानकों से ज्यादा है। कुछ जिलों के पानी में यूरेनियम मिला है, जिससे कैंसर और अल्जाइमर जैसी बीमारियां होने का खतरा मंडरा गया है।

First published on: Jul 25, 2025 12:15 PM

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