Rajdev Ranjan Murder Case verdict: सीबीआई अदालत में 69 गवाहों के बयान, 111 सबूत कोर्ट में पेश, आरोपियों से पूछताछ के दौरान पूछे गए 183 सवाल। यह सबकुछ हुआ 9 साल से सीवान में चल रहे हाईप्रोफाइल राजदेव रंजन हत्याकांड में। इस मामले में कोर्ट ने आज साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को रिहा कर दिया, जबकि तीन अन्य दोषी करार दिए गए। यह मामला हाईप्रोफाइल इसलिए था, क्योंकि इस मामले में एक आरोपी पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन भी थे, जिनकी पहले ही मौत हो चुकी है।
कौन थे पत्रकार राजदेव रंजन?
पत्रकार राजदेव रंजन बिहार के सीवान में एक हिंदी दैनिक के ब्यूरो चीफ थे। 13 मई 2016 को जब ऑफिस बंद कर वो किसी रिश्तेदार को मिलने अस्पताल गए तो वापस लौटते समय उनकी पर गोलियां चली थीं। दो गोलियां लगने से राजदेव रंजन की मौके पर मौत हो गई थी। राजदेव रंजन की पत्नी आशा यादव ने स्थानीय थाने में केस दर्ज कराया था। मामला तब हाईप्रोफाइल हो गया, जब इस मामले में सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम सामने आया। जांच हुई तो शहाबुद्दीन को छोड़ पुलिस ने 7 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
15 सितंबर, 2016 को सीबीआई को सौंपा केस
बिहार की सीवान पुलिस ने चार महीने तक अपने स्तर पर इस मामले की जांच की, लेकिन कोई नतीजा न निकलने पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई। 15 सितंबर, 2016 को सीबीआई ने केस दर्ज की और सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की। अदालत में 69 गवाहों और 111 प्रदर्शों को पेश किया गया और आरोपितों से 183 सवाल पूछे गए। 28 अगस्त को इस मामले में फैसला सुनाया जाना था, लेकिन एक आरोपी की बीमारी के कारण नही पहुंच पाया जिस कारण आज 30 अगस्त को फैसला सुनाया गया ।
बरी आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे
फैसले के बाद आरोपियों के वकील शरद सिन्हा ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिनके खिलाफ कनविक्शन की बात कही जा रही है उसमें कोई दम नही है । अपील के माध्यम से वे सब भी बरी हो जाएंगे । मरहूम डॉक्टर शहाबुद्दीन भी रिहा किये गए हैं । रिशु ,राजेश और लड्डन मिया रिहा किये गए हैं । वहीं अधिवक्ता राकेश दुबे एपीपी ने बताया कि आज जिन तीन आरोपियों को निर्दोष कहा गया है। फैसले का कागज मिलने के बाद हम उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ जाएंगे।