PM Modi Foundation Stone of AIIMS Darbhanga: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के लोगों को स्वस्थ्य जुड़ी बड़ी सौगात दी है। दरअसल, आज पीएम मोदी ने दरभंगा में प्रस्तावित सूबे के दूसरे एम्स (AIIMS) की आधारशिला रखी है। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल के अलावे समेत कई बड़ी हस्तियां मौजूद थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने इस सौगात के लिए पीएम मोदी का आधार जताया और कहा कि आज का दिन उनके लिए और बिहार के लिए ऐतिहासिक है।
पीएम मोदी का अभिनंदन
नीतीश कुमार ने कहा कि आज आज बिहार में दूसरे AIIMS के निर्माण की नींव रखी गई है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आए और उन्होंने इस शुभ काम की आधारशिला रखी। इस दौरान सीएम नीतीश ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से हाथ उठाकर पीएम मोदी का अभिनंदन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हैं। आज दिन कई माइनों में महत्वपूर्ण है। आज पीएम मोदी के हाथों दरभंगा एम्स के निर्माण का शिलान्यास किया जा रहा है।
बिहार की विकास यात्रा में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। दरभंगा से कई विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास से प्रदेश के लोगों का जीवन और आसान होने वाला है। https://t.co/6dxx6oUq2p
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2024
---विज्ञापन---
सीएम नीतीश का संबोधन
सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि दरभंगा में एम्स बन रहा है, इससे बिहार के लोगों को बेहचर मेडिकल सुविधा मिलेगी। हम एक बात कहना चाहते हैं कि साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी के कार्यकाल में पहली बार पटना में एम्स बनाने का फैसला लिया गया था। आज उस एम्स का लाभ बिहार का हर एक नागरिक उठा रहा है।
यह भी पढ़ें: Bihar New Power Project: औरंगाबाद में शुरू होंगे 3 नए बिजली यूनिट्स; 1400 एकड़ में बनेगा सुपर थर्मल प्लांट
दरभंगा में बन रहा है एम्स का निर्माण
उन्होंने बताया कि दूसरी बार साल 2015 में ही तय हो गया था कि बिहार में पटना के अलावा एक और एम्स बनेगा। जिसके हम तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मिले थे। सीएम नीतीश ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने वित्त मंत्री से कहा था कि पटना में हो गया… अब दरभंगा में एक एम्स होना चाहिए। 2019 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पटना आए थे। उस समय भी हमने इसकी अपील की थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने डीएमसीएच को ही एम्स के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया था। लेकिन किसी वजह से ये आग्रह स्वीकार नहीं हुआ। आज इसी जगह पर एम्स का निर्माण हो रहा है।