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Bihar: एक चूक से 7 दिन में 3 लड़कियां खत्म, पटना शेल्टर होम के मामले में बड़ा खुलासा

Shelter Home Girls Death: बिहार के पटना शहर में खुले आसरा गृह शेल्टर होम में 7 दिन में 3 लड़कियों की मौत का विवाद गहरा गया है। मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर 2 लोगों के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई भी की है। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Nov 15, 2024 13:21
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Bihar Patna Shelter Home
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Patna Shelter Home Girls Death Update: बिहार के पटना शहर में शास्त्रीनगर इलाके में खुले आसरा गृह शेल्टर होम में 7 दिन में 3 लड़कियों की मौत का मामला गहरा गया है। तीनों की मौत फूड पॉइजनिंग से हुई। मामले की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट DM चंद्रशेखर सिंह को दे दी है, जिसके आधार पर शेल्टर होमी फूड सप्लाई करने वाले और शेल्टर होम की सुपरिंटेंडेंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया गया है। शेल्टर होम का पूरा स्टाफ भी बदल दिया गया है। साथ ही शेल्टर होम में राशन सप्लाई करने वाली एजेंसी दीपू इंटरप्राइजेज के मालिक के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। दोनों को तलब भी किया गया है।

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फूड सैंपलों की जांच रिपोर्ट के खुलासे

वहीं शेल्टर होम के खाने के जो सैंपल जांच टीम ने लिए थे, उनकी लैब टेस्टिंग रिपोर्ट भी आ गई है, जो जांच रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लड़कियों को घटिया क्वालिटी वाला खाना परोसा जाता था। हल्दी में धीमा जहर मिला है और धनिया भी सड़ा हुआ था। हल्दी पाउडर में लेड क्रोमेट और तेल जैसा अप्राकृतिक रंग मिक्स था। हेल्दी फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धारा 3 एक और 5 के तहत इस तरह का खाना हानिकारक जानलेवा खाने की कैटेगरी में आता है। यह हानिकार खाद्य पदार्थ में आता है। जो लड़कियां मरी हैं, उनका वजन भी सामान्य से काफी कम था। जो खराब और कम खाना देने के कारण हो सकता है।

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8 से 13 नवंबर के बीच हुई तीनों मौत

पटना जिले के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के शास्त्री नगर स्थित आश्रय गृह में 3 मौतों में से पहली मौत 8 नवंबर को हुई। 23 वर्षीय युवती ने अस्पताल में दम तोड़ा था। इसके बाद 10 नवंबर को 24 वर्षीय युवती और 13 नवंबर को 12 वर्षीय लड़की की मौत हो गई। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि तीनों लड़कियां कुपोषित थी और उन्हें अन्य बीमारियां भी थीं। किराये के मकान में चलाए जा रहे इस आश्रय गृह में 50 महिलाओं को रखने की क्षमता है। पहली मौत के बाद कैदियों को दिए जाने वाले खाने में बदलाव किया गया। 8 नवंबर को पहली मौत के बाद ही सामान्य खाना बंद करके उसकी जगह खिचड़ी दी गई थी। RO वाटर प्यूरीफायर भी लगाया गया।

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शेल्टर होम में गंदगी और बदबू का आलम

बिहार समाज कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हरजोत कौर बमराह ने बताया कि शेल्टर होम की जांच करने पर कई जानकारियां हाथ लगीं। जांच में देखने को मिला कि शेल्टर होम में गंदगी थी। शौचालय साफ नहीं थे। घुटन और बदबू थी। महिला स्टाफ हर रोज नहाती नहीं थीं, उनके0 हाथ-पैरों पर मैल जमा था। इस शेल्टर होम में मानसिक और शारीरिक रूप से विक्षिप्त लड़कियों को रखा जाता है, जिन्हें इधर उधर से रेस्क्यू किया जाता था। विक्षिप्त लड़कियां बेड पर पेशाब करती थीं, जिसे साफ नहीं किया जाता था। पानी की टंकी में काई जमी थी। मामला सामने आने के बाद सरकार एक्शन मोड में आई और समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के शेल्टर होम की जांच के आदेश दे दिए।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Nov 15, 2024 01:07 PM

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