बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां बढ़ गई है। गुरुवार को मधुबनी में पीएम मोदी ने रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने इशारों में अपनी ही पार्टी के नेता पर एक बयान दिया। सीएम ने कहा कि उनकी पार्टी के एक नेता ने गड़बड़ की जिसकी वजह से बीजेपी के साथ 2022 में गठबंधन टूट गया था। इस दौरान उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने इशारों में अपनी पार्टी के नेता पर सवाल खड़े किए।
बिहार में सियासत गरमाई
उनके इस बयान के बाद बिहार में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। सीएम ने अपने संबोधन के दौरान किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन ये कह दिया कि वह नेता उनकी पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं। सीएम के बयान के बाद यह अटकले लगाई जा रही है कि यह नेता कोई और नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह हैं। क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष संजय झा से पहले ललन सिंह ही जेडीयू के अध्यक्ष थे।
2022 में बीजेपी से अलग हुए थे नीतीश कुमार
सीएम ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हम लोग हमेशा से ही साथ रहे हैं लेकिन बीच में कुछ गड़बड़ कर दिया हमारा पार्टी वाला और वे यहीं पर बैठे हैं। अब उन्हीं से पूछिए…बाद में उन्हीं को लगा कि वे लोग गड़बड़ है और हम लोग उनको छोड़ दिए। अब हम लोग कभी उन लोगों के साथ नहीं जा सकते हैं। वे लोग सब गड़बड़ किए हैं। 2005 में पहली बार हम लोगों ने साथ ही चुनाव लड़ा था। ये सब साथ ही थे।
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ऐसे टूटा था गठबंधन
बता दें कि नीतीश कुमार और बीजेपी ने मिलकर 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई थी जिसका ठीकरा उन्होंने चिराग पासवान पर फोड़ा था। हालांकि इसके बाद उन्होंने बीजेपी के समर्थन से उन्होंने सरकार बनाई थी। 2022 में जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने खुलासा करते हुए कहा था कि बीजेपी उनकी पार्टी को तोड़ना चाहती है। इसकी एक बड़ी वजह तत्कालीन केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की मोदी सरकार से नजदीकियां बढ़ना भी था।
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