Kishanganj News : बिहार में निर्वाचक नामावलियों और मतदाता पहचान दस्तावेजों की लगातार जांच की जा रही है। जांच के दौरान मूलरूप से नेपाल निवासी एक महिला का मामला सामने आया है। यह महिला पिछले 8 सालों से भारत में रह रहीं हैं और यहां की वोटर भी हैं। ऐसे में अब ईआरओ ने महिला को नोटिस भेजकर निवास प्रमाण पत्र दिखाने के लिए कहा है। नेपाली महिला ने भारत में आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित सभी दस्तावेज बनवा लिए हैं, मगर निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने से महिला का परिवार चिंतित है।
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ईआरओ ने लगभग 3 लाख मतदाताओं को जारी किए नोटिस
बिहार में निर्वाचक नामावलियों और मतदाता पहचान दस्तावेजों में विसंगतियां पाए जाने के बाद ईआरओ ने बिहार के लगभग 3 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किए हैं। चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान ईआरओं ने पिछले 8 सालों से बिहार में रह रही मूलरूप से नेपाल के पाठामारी निवासी महिला से उसका निवास प्रमाण पत्र की मांग की है। महिला की बेटी मुनिया देवी ने बताया कि उनकी शादी बिहार में वर्ष 2011 में गलगलिया किशनगंज में हुई थी। पिता की मौत बचपन में हो गई थी।
वर्ष 2011 में बिहार के किशनगंज में हुई थी बेटी की शादी
मूलरूप से नेपाल के पाठामारी की रहने वाली महिला की बेटी मुनिया देवी ने बताया कि उनकी शादी के बाद लगभग 8 साल पहले उनकी मां भी यहीं आकर रहने लगी और अपना मकान भी बना लिया। बेटी ने बताया कि उनकी मां का यहां का आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बना हुआ है और वह यहां की वोटर भी हैं। उसके पास तो भारत के सभी दस्तावेज हैं, मगर उनकी मां के पास यहां का निवास का कोई भी प्रमाण पत्र नहीं है। बेटी ने बताया कि उन्हे कल ही ईआरओ का नोटिस मिला है। जिसमें उनकी मां का निवास प्रमाण पत्र को दिखाने के लिए कहा गया है।
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