Purnia Lok Sabha Seat Political Equations: बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट इस समय सूबे की सियासत में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां से जेडीयू ने मौजूदा सांसद संतोष कुमार कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि आरजेडी ने बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि, पूर्णिया से पप्पू यादव भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। आइए, जानते हैं कि इस सीट पर अब तक किस पार्टी या उम्मीदवार को कितनी बार जीत मिली है…
पूर्णिया लोकसभा सीट से 2019 में किसे मिली जीत?
पूर्णिया लोकसभा सीट से 2019 में जेडीयू प्रत्याशी संतोष कुमार कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह को हराकर जीत दर्ज की। उन्हें 6,32,924 यानी 54.85 फीसदी, जबकि उदय सिंह को 3,69,463 यानी 32.02 फीसदी वोट मिले। यहां कुल 65.37 फीसदी मतदान हुआ। कुल 11 लाख, 53 हजार 989 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
#WATCH पटना: पूर्णिया सीट विवाद पर राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, "ये हमारा विषय नहीं है। हमारी पार्टी का गठबंधन किसी व्यक्ति के साथ नहीं हुआ है दल के साथ हुआ है। कांग्रेस के साथ हमारा बहुत पहले से गठबंधन है। सीटों पर जनवरी से ही बातचीत चल रही है।… pic.twitter.com/t17yjpoquG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2024
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पूर्णिया लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम
पूर्णिया से 2014 में संतोष कुमार कुशवाहा ने पहली बार जीत दर्ज की। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के उदय सिंह को हराया था। संतोष को 4,18,826 यानी 41.15 फीसदी, जबकि उदय को 3,02,157 यानी 26.69 फीसदी वोट मिले। इस चुनाव में कुल 64.31 फीसदी वोटिंग हुई। कुल 10,17,750 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
तीन बार सांसद रहे पप्पू यादव
पप्पू यादव पूर्णिया से तीन बार सांसद रहे। सबसे पहले उन्होंने 1991 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। इसके बाद वे 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर, जबकि 1999 में निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। यही वजह है कि उन्होंने 2024 में फिर से पूर्णिया से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
पूर्णिया ,पप्पू यादव को टिकट नहीं मिलने पर पप्पू यादव के समर्थकों का विरोध निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग…. pic.twitter.com/2zLkQYlRHW
— Saurabh Raj (@sraj57454) March 29, 2024
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पूर्णिया से पहली बार चुने गए 4 सांसद
पूर्णिया से पहली बार 1952 में चार सांसद चुने गए। इनके नाम फणी गोपाल सेन गुप्ता, मानेकलाल मदनलाल गांधी, बेंजामिन हांसदा और मुहम्मद इस्लामुद्दीन हैं। सभी कांग्रेस पार्टी से थे।
1957 से लेकर अब तक कौन-कौन बना सांसद?
साल | सांसद | पार्टी |
1957 | फणी गोपाल सेन गुप्ता | कांग्रेस |
1962 | फणी गोपाल सेन गुप्ता | कांग्रेस |
1967 | फणी गोपाल सेन गुप्ता | कांग्रेस |
1971 | मोहम्मद ताहिर | कांग्रेस |
1977 | लखन लाल कपूर | जनता पार्टी |
1980 | मााधुरी सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) |
1984 | माधुरी सिंह | कांग्रेस |
1989 | तस्लीमुद्दीन | जनता दल |
1991 | पप्पू यादव | निर्दलीय |
1996 | पप्पू यादव | समाजवादी पार्टी |
1998 | जय कृष्ण मंडल | बीजेपी |
1999 | पप्पू यादव | निर्दलीय |
2004 | उदय सिंह | बीजेपी |
2008 | उदय सिंह | बीजेपी |
2014 | संतोष कुमार कुशवाहा | जेडीयू |
2019 | संतोष कुमार कुशवाहा | जेडीयू |
पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में कितनी विधानसभा सीटें आती हैं?
पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें कस्बा, बनमनखी, रुपौली, धमदाहा, पूर्णिया और कोरहा सीटें शामिल हैं। इनमें कोरहा सीट कटिहार जिले में आती है।
पप्पू यादव को कौन सा डर सता रहा?
पप्पू यादव तीन बार पूर्णिया से सांसद रहे। ऐसे में अब अगर संतोष कुमार कुशवाहा जीतते हैं तो वे उनके रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। अभी सबसे ज्यादा समय तक सांसद बने रहने का रिकॉर्ड फणी गोपाल सेन गुप्ता के नाम है। वे 4 बार सांसद रहे।
पूर्णिया से चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कराने वाले पप्पू यादव के साथ खेल हो गया है। RJD ने पूर्णिया से अपना उम्मीदवार उतारा है, जबकि इस सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ती आई है। पूर्णिया और पप्पू यादव के सवाल पर बचते नजर आए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह। pic.twitter.com/6zAdQ7EpQY
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) March 29, 2024
आरजेडी को नहीं मिली एक भी जीत
पूर्णिया सीट से आरजेडी को अभी तक एक भी बार जीत नहीं मिली है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव की कोशिश इस सीट पर अपनी पार्टी का खाता खोलने की है। अभी तक इस सीट पर बीजेपी, जेडीयू और कांग्रेस का ही बोलबाला देखने को मिला है।