---विज्ञापन---

‘समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है भारतीय समाज’, भाजपा सांसद का बयान

Same Gender Marriage: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने समलैंगिक विवाह (same gender marriage) पर अपना रुख दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय समाज (Indian society) समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और यह भारत की संस्कृति और परंपरा के लिए अनुचित है। सुशील मोदी ने […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Dec 23, 2022 18:11
Share :

Same Gender Marriage: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने समलैंगिक विवाह (same gender marriage) पर अपना रुख दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय समाज (Indian society) समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और यह भारत की संस्कृति और परंपरा के लिए अनुचित है।

सुशील मोदी ने संसद के बाहर कहा कि समलैंगिक विवाह भारत की संस्कृति और परंपरा के लिए उचित नहीं होगा। लेकिन कुछ वामपंथी और उदार कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट (SC) गए और समान-लिंग विवाह को वैध बनाने के लिए कहा। यह उचित नहीं होगा यदि दो न्यायाधीश SC में बैठते हैं और इसके बारे में एक निर्णय बनाते हैं।

---विज्ञापन---

ससंद में इस विषय पर होनी चाहिए चर्चा: सुशील मोदी

भाजपा सांसद के अनुसार, भारतीय समाज समलैंगिक विवाह मामले को अदालत में पहुंचने से पहले सदस्यों के बीच संसद में चर्चा की जानी चाहिए। एक और बात मैंने यह कही कि सभी लड़कियों की शादी की उम्र एक समान होनी चाहिए, चाहे उनका कोई भी धर्म हो।

चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को सुशील मोदी ने देश के सर्वोच्च विधायी निकाय में समलैंगिक विवाह के खिलाफ बात की है, सरकार से ऐसे किसी भी कदम का जोरदार विरोध करने का आग्रह किया है। बिहार से भाजपा के राज्यसभा सांसद ने कहा कि समलैंगिक संबंध स्वीकार्य हैं, लेकिन समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह की इजाजत देने से समाज के नाजुक संतुलन में समस्याएं पैदा होंगी।

---विज्ञापन---

और पढ़िएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांसदों को सलाह- मोटा अनाज खुद भी खाएं और लोगों को भी खाने के लिए प्रेरित करें

सुशील मोदी बोले- विवाह अभी भी पवित्र संस्था है

सुशील मोदी ने कहा, “भारत में, मुस्लिम पर्सनल लॉ या किसी भी संहिताबद्ध वैधानिक कानून जैसे किसी भी व्यक्तिगत कानून में समान-लिंग विवाह को न तो मान्यता दी जाती है और न ही स्वीकार किया जाता है। समान-लिंग विवाह देश में व्यक्तिगत कानूनों के नाजुक संतुलन के साथ तबाही मचाएगा।”

मोदी ने सामाजिक और सांस्कृतिक दोनों संदर्भों में समान-लिंग विवाहों को वैध बनाने पर आपत्ति जताई और कहा कि हालांकि इस तरह के रिश्तों को देश में गैर-अपराध कर दिया गया है, लेकिन विवाह अभी भी एक पवित्र संस्था है, इसलिए समान-लिंग वाले जोड़े एक साथ रहना एक बात है, लेकिन उन्हें कानूनी दर्जा देना अनुशंसित नहीं है। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में इसका विरोध किया है।

 और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Dec 20, 2022 03:23 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें