Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। एसआईआर के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन ने एक साथ प्रदर्शन अपनी ताकत भी दिखाई। हालांकि कोर्ट से झटका लगने के बाद विपक्ष एक बार फिर चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो गया है। शनिवार को विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के आवास पर करीब 6 घंटे तक बैठक चली, बैठक में कांग्रेस, वामदल और वीआईपी के मुकेश सहनी शामिल हुए। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीट बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। जब सब तय होगा, तो जानकारी दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने इस दौरान खुद की योजनाओं की कॉपी करने को लेकर एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने युवा बोर्ड आयोग के गठन और 100 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान किया है। जोकि पूरी तरह से हमारी योजनाओं की नकल है। ये तो हो गई बयान की बात। अब इंडिया की मीटिंग के दौरान अंदर क्या हुआ इस पर बात करते हैं।
कांग्रेस ने मांगी परंपरागत सीटें
इंडिया गठबंधन की पिछली मीटिंग में आरजेडी ने सभी पार्टियों से सीटों की लिस्ट मांगी थी। इस पर वामदल (माले) और कांग्रेस ने अपनी सीटों की लिस्ट तेजस्वी यादव को सौंप दी थी। इसके अलावा लेफट ने इसके लिए कुछ समय मांगा था। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की डिमांड है कि सीट बंटवारे के दौरान उसे वे सीटें मिले जहां पर वो मजबूत है। यानी कांग्रेस 60 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी है बशर्ते उसे वे सीटें मिले जहां पर वह परंपरागत तौर पर मजबूत रही है। कांग्रेस ने 2020 चुनाव में जीती 19 सीटों के अलावा 39 सीटों के नाम दिए थे जिस पर वह पिछले साल नंबर 2 दो पर रही थी। कांग्रेस ने वामदलों की सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।
सहनी और पारस की डिमांड क्या?
कांग्रेस ने पिछली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी उसकी रणनीति इन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ने की है। इसके लिए उसका तर्क है पिछली बार उसने अपनी परंपरागत सीटें वामदलों को दी थी। इसलिए कांग्रेस ने कहा कि वे अपनी परंपरागत सीटें वापस चाहती है ऐसे में इस बार वामदलों को अपनी सीट बदलनी पड़ सकती है।
सूत्रों की मानें तो मीटिंग में मुकेश सहनी ने 60 सीटों की डिमांड की। हालांकि तेजस्वी उन्हें 10-15 सीटें दे सकते हैं। वामदलों ने 40 सीटों की डिमांड की है। इसके अलावा पशुपति पारस भी है जोकि सम्मानजनक सीटें मांग रहे हैं। ऐसे में अब कांग्रेस और आरजेडी इस बार पिछली बार की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस-आरजेडी कम सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस को इस बार तेजस्वी मनपंसद सीटें दे सकते हैं। इसके बदले में वह उसकी 15-20 सीटें कम कर सकते हैं। यानी कांग्रेस को इस बार 55-60 सीटें मिल सकती है। ताकि सहनी, माले और पशुपति पारस को सीटें दी जा सके। वहीं आरजेडी ने पिछली बार 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था जोकि वह उसे कम करके 130-135 सीटें कर सकती है इसकी बड़ी वजह माले की ओर से 40 सीटों पर दावा करना है। माले का 40 सीटों की डिमांड करना सीपीआई और सीपीआई एम को ज्यादा रास नहीं आ रहा है लेकिन माले का अपना जनाधार है वे इस बात को जानते हैं।