IAS KK Pathak Controversy Side Story: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशों के बावजूद स्कूलों का समय नहीं बदला। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में टीचर्स से संवाद करते समय उनके खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया। IAS अधिकारी केके पाठक की यह हरकत इन दिनों बिहार की राजनीति में बवाल का कारण बनी हुई है।
वहीं अब इस मामले में IAS पाठक के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। परिवाद मुजफ्फरपुर जिले की CJM कोर्ट में विनोद कुमार नाम टीचर ने दायर कराया है। परिवार विनोद की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर किया, जिस पर 4 मार्च को सुनवाई होगी।
#मुख्यमंत्री नितीश कुमार स्पष्ट करें शिक्षक स्कूल में कब तक बनें रहेंगे। शिक्षक मानसिक तनाव में हैं। बिना कोई पत्र जारी किये। 10-4 का घोषना करना ग़लत है। पाठक VC में 9-5 बजे तक विद्यालय में रहने बोल रहा है। शिक्षक किसके बातों पर भरोसा करें।@NitishKumar @VijayKChy #kkpathak #Cm https://t.co/NfXJHnmdy8
---विज्ञापन---— Sagar Suman (@SagarSuman31) February 22, 2024
परिवार में IAS के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग
मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि परिवाद दायर करके राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक के खिलाफ IPC की धारा 504 और 506 के तहत FIR दर्ज कराने की मांग की गई है।
परिवाद में आरोप लगाया गया है कि बीते दिनों अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग केके पाठक द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके शिक्षकों के सुबह 9:15 बजे स्कूल आने को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की गई, जिससे टीचर्स की भावनाएं आहत हुई हैं।
संवाद के दौरान IAS पाठक ने गालियों का भी इस्तेमाल किया। इसलिए IAS अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।
पटना : शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ मुजफ्फरपुर में परिवाद दायर@BiharEducation_ #BiharEducationDept #BiharTeachers #KKPathak pic.twitter.com/IZgAzfXyKO
— Live Dainik (@Live_Dainik) February 22, 2024
लालू यादव और सुशील मोदी से रह चुका विवाद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केके पाठक 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में जन्मे पाठक अपने कड़क स्वभाव और फटाफट फैसले लेने वाले व्यवहार के लिए मशहूर हैं। उनका विवादों से भी पुराना नाता रहा है। पिछले महीने उनके अचानक ‘लंबी छुट्टी’ मांगने के कारण विवाद हो गया था।
वे पहली बार 1996 में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक अस्पताल का उद्घाटन सफाई कर्मचारी से करवाया था। अपनी वर्किंग के चलते वे प्रदेश के पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। 2010 में वे सेंटर में डेप्युटेशन पर दिल्ली चले गए, लेकिन 2015 में वापस बिहार आ गए।
2018 में फिर सेंटर में चले गए और 2021 में फिर से लौट आए। 2018 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 7 मैनेजरों ने उन पर स्टाम्प ड्यूटी जमा कराने मनमानी करने का आरोप लगाते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। तब IAS पाठक पर 1.75 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था। इसके अलावा उन पर अकसर गलत शब्दावली इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहते हैं।
के के पाठक पर मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट में शिक्षक को साला शब्द कहे जाने के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया गया है, कोर्ट ने अगली सुनवायी 4 मार्च को रखा है ।पाठक के बयान को लेकर विधानसभा में पक्ष-विपक्ष दोनों हंगामा मचा रखा है ..और कारवायी की मांग कर रहा है ।#Bihar pic.twitter.com/2OtsEZ4bCQ
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) February 22, 2024