गया: बिहार की गया पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। 10 अगस्त को गया पुलिस ने सुरक्षा एजेसियों की मदद से खूंखार नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ वन बिहारी को उसके एक अन्य साथी के साथ गिरफ्तार किया है। गुप्त सूचना पर पुलिस ने इन दोनों को टिकारी प्रखंड के पड़री के जरही टोला में दबोचा है। यह दोनों अपने रिश्तेदार के यहां आए हुए थे।
एसएसपी आशीष भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खूंखार नक्सली प्रमोद मिश्रा और उसके साथी अनिल यादव की गिरफ्तारी की जानकारी दी। आशीष भारती ने बताया कि प्रमोद मिश्रा उर्फ वनबिहारी छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, सहित अन्य राज्यों में सक्रिय था। वह सेंट्रल कमेटी का सदस्य था और ईस्टर्न रीजनल के ब्यूरो चीफ के पद पर काम कर रहा था।
बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था
एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रमोद मिश्रा टेकारी अनुमंडल में अपने एक रिश्तेदार के यहां आया हुआ है। यहां रहकर वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। वो नक्सलियों को पुनर्जीवित करने और नक्सली गतिविधि बढ़ाने के लेकर बैठक आयोजित कर रहा था। इसी सूचना पर पुलिस की एक विशेष टीम गठित की और दोनों को धरदबोचा।
जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए थे
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार दोनों कुख्यात नक्सलियों को पहले भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आए हुए थे और फिर से नक्सली संगठन को मजबूत करने के प्रयास में जुट थे।
कई ठिकानों पर की जा रही छापेमारी
गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव से पूछताछ में जुटी है। उनकी निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सहयोगियों और हथियारों का पता लगाने के लिए लिए गया के इमामगंज, बांके बाजार और डुमरिया थाना क्षेत्र में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है।
1 ही परिवार के 4 सदस्यों को फांसी लगाकर उतारा था मौत के घाट
एसएसपी आशीष भारती के अनुसार, प्रमोद मिश्रा खूंखार नक्सली है। उस पर गया और औरंगाबाद के अलग-अलग धानों में करीब 45 नक्सली कांड के केस दर्ज हैं। बताया जाता है कि 2 साल पहले साल 2021 में गया में ही एक परिवार के चार लोगों को नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप मे फांसी पर लटका दिया था। इसके पीछे प्रमोद मिश्रा ही बताया जाता है, जिसने परिवार के 4 सदस्यों को फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया था। एनआईए और पुलिस बीते कई महीनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी।
1970 से सक्रिय था प्रमोद मिश्रा
एसएसपी आशीष भारती ने प्रेसकॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए बताया ‘प्रमोद मिश्रा 1970 से ही नक्सली में सक्रिय हुआ था और कई जगह पर इसने अपना नक्सलियों के बड़े शीर्ष नेता पर योगदान दिया था। इसके निर्देश पर ही घटना को अंजाम दिया जाता था।
नक्सिलों का टॉप लीडर है प्रमोद मिश्रा
प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना अंतर्गत कसमा गांव का रहने वाला बतया जाता है। उसकी पहचान माओवादियों के संगठन में मास्टरमाइंड और प्रमुख रणनीतिकार के रूप में होती है। वह कई साल तक जेल में रहा। हैरान करने वाली बात ये है कि नक्सलियों के संगठन में वह सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत जी, नूर बाबा, बीबी जी, अग्नि और बाण बिहारी जैसे नामों से जाना जाता है।