प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है. उन पर दो जगहों पर वोटर आईडी बनाने का आरोप है. चुनाव आयोग की तरफ से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उनका एक वोटर आईडी पश्चिम बंगाल में बना हुआ है जबकि दूसरा वोटर आईडी बिहार में बना हुआ है. चुनाव आयोग ने तीन दिन के भीतर प्रशांत किशोर को जवाब देने के लिए कहा है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि अगर उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है तो उन्हें एक साल की जेल अथवा जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है.
करगहर विधानसभा क्षेत्र (सासाराम, रोहतास जिला, बिहार) के रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से प्रशांत किशोर को जारी किये गए नोरिस के अनुसार, करगहर में मतदान केंद्र संख्या 621 के तहत भाग 367 (मध्य विद्यालय, कोनार, उत्तरी खंड) में मतदाता के रूप में प्रशांत किशोर का नाम दर्ज है, जिसका ईपीआईसी (मतदाता पहचान पत्र) संख्या 1013123718 है.
इसके साथ ही प्रशांत किशोर का नाम पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में भी दर्ज बताया गया है. चुनाव आयोग का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 के तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में वोटर आईडी नहीं बनवा सकता है. ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से प्रशांत किशोर को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा 31 के तहत दंड दिया जा सकता है, जिसमें एक साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों शामिल हैं.
क्या बोले प्रशांत किशोर?
वहीं चुनाव आयोग से मिले नोटिस प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जो नोटिस मिला है, ऐसे गीदड़ भबकी से हम डरने वाला नहीं हैं. बिहार में SIR चला कर यहां के लोगों का नाम काटकर डराने का प्रयास किया. 2019 से मेरा नाम मेरे पैतृक गांव कोणार में है. 2 सालों के लिए हम बंगाल गए थे और वहां पर मेरा नाम जोड़ दिया गया. जब SIR किया गया, तब मेरा नाम क्यों नहीं काटा गया? यह सब गीदड़भभकी मुझे दी जा रही है और मुझे नोटिस भेजा गया है. इससे मैं डरने वाला नहीं हूं. उन्होंने कहा कि नोटिस से क्यों भेजे हो? मुझे गिरफ्तार कर लो, मैं बिहार में ही हूं.










