बिहार चुनाव में सीटों का फेर फंसता जा रहा है। एनडीए और महागठबंधन में लगातार सीटों को लेकर विवाद चल रहा है। एनडीएम ने सीटों का बंटवारा कर लिया तो सीट के नाम पर विवाद शुरू हो गया है। वहीं महागठबंधन ने अभी तक सीटों का बंटवारा ही नहीं किया है। मंगलर को दिल्ली में कांग्रेस की
केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) बैठक थी। इसमें बिहार चुनाव में सीटों, प्रत्याशियों के नामों आदि तैयारियों पर चर्चा हुई है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पार्टी ने 25 मुख्य सीटों पर नाम तय कर लिए हैं।
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस सीएलपी नेता शकील अहमद खान ने कहा कि हम कल पटना जा रहे हैं। प्राथमिकता वाली सीटों पर विचार-विमर्श और सामाजिक गतिशीलता पर विचार करने के बाद, हम कल पटना जाएंगे। हम अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ चुनाव अभियान पर काम कर रहे हैं। इसलिए, हम उन सीटों को लेकर पटना जा रहे हैं। चर्चा लगभग पूरी हो चुकी है। इसके बाद चीजें आगे बढ़ेंगी।
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वहीं बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने कहा कि दो-सूत्री रुख है। हमारे समीकरण के अनुसार, हमारी सभी अच्छी सीटों पर स्पष्टता आ गई है। 2-3 घंटे लंबी इस बैठक के बाद, हम कह सकते हैं कि हमने कांग्रेस की ओर से विधानसभा सीटों के लिए अच्छे चेहरों पर मजबूत फैसला लिया है। ऐसे सभी नामों को सीईसी ने मंजूरी दे दी है।
कार्यकर्ताओं में दिखा रोष
बिहार चुनाव पर कांग्रेस की मुख्य चुनाव समिति की बैठक के बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जताई है। एक महिला कार्यकर्ता ने पार्टी के बारे में कहा कि वे नकली उम्मीदवारों की तलाश में हैं। एनएसयूआई के सुधीर शर्मा ने कहा कि हमें बिक्रम विधानसभा में युवा नेतृत्व चाहिए। हमें सिर्फ नेताओं के बेटे नहीं चाहिए, युवाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए। अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी में जो लोग होंगे, जिनके ऑनलाइन आवेदन होंगे, उन्हें टिकट दिया जाएगा। लेकिन कृष्णा अल्लावरु और राजेश राम जैसे कुछ नेता महिलाओं से कड़ी मेहनत करवा रहे हैं और घर-घर जाकर उन्हें धोखा दे रहे हैं।
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