बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के एक फैसले पर जमकर राजनीति हो रही है। दरअसल, आयोग ने मतदाताओं के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब इस प्रक्रिया और टाइमिंग को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। आज INDIA गठबंधन के नेताओं ने राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार राज्य चुनाव आयोग से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने अपनी पत्नी का उदाहरण देते हुए अपनी बात मीडिया के सामने रखी है।
चुनाव आयोग से मिलने के बाद क्या बोले तेजस्वी?
राज्य चुनाव आयोग से मुलाकात करने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने आयोग के सामने उन बातों को उठाया, जिन पर हमें आपत्ति थी। बारिश की वजह से कई जगहों पर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस समय 8 करोड़ लोगों की वोटर लिस्ट दोबारा बनाना संभव नहीं है। 4-5 करोड़ बिहार के लोग प्रदेश से बाहर रह रहे हैं, उनका क्या होगा?
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर वे प्रदेश वापस आते हैं तो वे खुद का पैसा लगाकर यहां आएंगे। अगर इतने लोग प्रदेश लौटने लगे तो क्या रेलवे की क्षमता है कि वह व्यवस्था कर सके? हमने आयोग से मांग की है कि जो भी दस्तावेजों की प्रक्रिया है, उसे और सरल बनाया जाए। उसमें आप आधार कार्ड, जॉब कार्ड, मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड भी स्वीकार कीजिए।
हर बिहारी, केवल बिहारी ही अपनी नागरिकता का सबूत देगा।
---विज्ञापन---जबकि इसी वोटर लिस्ट से 2024 का मतदान हुआ है। अगर ये लिस्ट फर्ज़ी है, तो सरकार भी फर्ज़ी हुई!
आख़िर क्यों केवल बिहारी और बिहार अपनी नागरिकता साबित करे? ये बड़ी साज़िश है।
– श्री @yadavtejashwi!#TejashwiYadav #Bihar pic.twitter.com/JSXNycXbkD
— Office of Tejashwi Yadav (@TejashwiOffice) July 4, 2025
#WATCH | Patna | “…Bihar Election Commission has no right to take any decision; they have the right to listen and forward to those who are in Delhi, but, we all know who takes decisions on the behalf of those who are in Delhi, ” says RJD leader Tejashwi Yadav after meeting the… pic.twitter.com/LAz6fq6c2A
— ANI (@ANI) July 4, 2025
‘जो डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, वे बिहार के लोगों के पास नहीं हैं’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, वे बिहार के लोगों के पास नहीं हैं। हमें लगता है कि 70 से 80 प्रतिशत लोगों की समस्या तभी हल होगी, जब आधार कार्ड, जॉब कार्ड, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड भी स्वीकार किए जाएंगे। तेजस्वी ने बताया कि आयोग के सामने मैंने अपनी पत्नी का उदाहरण दिया।तेजस्वी ने बताया कि मेरी पत्नी दिल्ली की रहने वाली हैं। पिछली बार तीन महीने पहले ही वोटर आईडी बनवाया था। इसके लिए हमने आधार कार्ड दिया था और उसी आधार कार्ड से वोटर आईडी मिला। आधार कार्ड सरकार का ही दिया हुआ दस्तावेज है। इस बार आधार को बाहर क्यों कर दिया गया?
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तेजस्वी से जब आयोग के जवाब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव आयोग को निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, केवल सुनने और उसे फॉरवर्ड करने का अधिकार है। निर्णय लेने का अधिकार केवल दिल्ली वालों को है और उनका निर्णय कौन लेता है, यह हम सभी को पता है।