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बिहार

बिहार में अब समय से कोर्ट पहुंचेंगे सरकारी गवाह, उल्लंघन पर डीजीपी ने बताई यह कार्रवाई, गवाहों को मिलेंगी ये सुविधाएं

Bihar Police DGP Press Conference: बिहार पुलिस लगातार एक्शन में है। अब सूबे के पुलिस मुखिया विनय कुमार ने पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में आने वाली बाधा को दूर करने की योजना बना ली है। उन्होंने बताया कि गवाहों के ससमय कोर्ट में पेश न होने से स्पीडी ट्रायल के कई मामले लटके रह जाते हैं। अब गवाही के लिए समय से कोर्ट नहीं होने वाले पुलिस कर्मियों का वेतन बंद कर दिया जाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 17, 2025 20:00
बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार।

Bihar Police DGP Press Conference: बिहार में अब गवाह और गवाही के अभाव में स्पीडी ट्रायल के मामले लटकाए नहीं जा सकेंगे। बिहार पुलिस स्पीडी ट्रायल के लिए चयनित आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए फूलप्रूव सिस्टम तैयार कर रही है। इसमें गवाह चाहे निजी हो या फिर सरकारी, उन्हें हर हाल में गवाही के लिए कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि पुलिस के भी कई अधिकारी और कर्मी मुकदमों की सुनवाई के दौरान गैर हाजिर हो जाते हैं, जिससे मुकदमें का ट्रायल प्रभावित होता है। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। केस की सुनवाई के दौरान गवाही के लिए समय पर कोर्ट में पेश न होने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का वेतन बंद कर दिया जाएगा। कहा कि आपराधिक मामलों की सुनवाई में होने वाली देरी से निजी गवाहों के मुकर जाने का भी खतरा बना रहता है।

पुलिसकर्मियों को जाएगा ऑनलाइन समन

डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि आपराधिक मुकदमों में गवाह बनाए गए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के लिए बिहार पुलिस बहुत जल्द ही एक वेबसाइट लॉन्च करने जा रही है। इसके माध्यम से पुलिस के उन अधिकारियों को कोर्ट में गवाही के लिए समन भेजा जाएगा, जिन्हें आपराधिक मुकदमों में गवाह बनाया गया है और उनका तबादला राज्य के किसी दूसरे जिले में हो चुका है।

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इन सरकारी गवाहों को मिलेंगी सुविधाएं

सेवानिवृत या बीमार सरकारी गवाहों को गवाही के लिए कोर्ट तक लाना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्हें कोर्ट तक लाने के लिए वाहन की व्यवस्था खुद पुलिस करेगी। साथ ही, उनकी जरूरत के अनुसार अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

त्वरिता न्याय अभियुक्त का भी अधिकार-डीजीपी

डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि त्वरित न्याय केवल पीड़ित पक्ष का ही बल्कि मुकदमों में अभियुक्त बनाए गए लोगों का भी मौलिक अधिकार है। यदि मुकदमों में अभियुक्त बनाए गए लोग बेगुनाह साबित होते हैं तो सुनवाई के बाद कोर्ट द्वारा उन्हें तत्काल बरी कर दिया जाएगा और यदि दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें उनके किए की सजा मिल जाएगी।

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दोगुनी हुई निजी गवाहों की संख्या

डीजीपी ने दावा किया है कि कोर्ट में गवाही को लेकर हाल के दिनों में पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाई है। आपराधिक मामलों में गवाही के लिए कोर्ट में पेश होने वाले निजी गवाहों की संख्या में भी दोगुनी वृद्धि हुई है।

राज्य में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए प्रस्ताव तैयार

बता दें कि बिहार पुलिस ने अपराध पर नियंत्रण के लिए सरकार से पूरे राज्य में 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है। साल 2000 से 2011 तक राज्यभर में कुल 178 फास्ट ट्रैक कोर्ट कार्यरत थे। लेकिन वर्ष 2011 के बाद राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट को खत्म कर दिया गया।

 

First published on: Jun 17, 2025 07:59 PM

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