Bihar Police Dead Body Mistaken Identity : बिहार के पूर्णिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस के साथ-साथ एक परिवार और उनके रिश्तेदारों के भी होश उड़ा दिए। दरअसल, जिस युवती का अंतिम संस्कार करके परिवार लौटा था उसका कुछ समय बाद फोन आ गया। पहले तो परिवार ने इसे मजाक समझा, लेकिन जब सच्चाई सामने आई उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कुछ दिनों बाद वह युवती परिवार के सामने खड़ी हो गई। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अब कैसे पता लगाए कि जिसका अंतिम संस्कार हुआ, वह कौन थी?
बेटी का शव समझ किया गैर का अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्णिया जिले भवानीपुर इलाके में पिछले दिनों स्थानीय पुलिस ने एक युवती का शव बरामद किया था, लेकिन शुरुआत में उसकी पहचान नहीं हो पाई। यह शव डढ़वा गांव के नजदीक मिला था। इस बीच तुलसी बिशनपुर गांव के रहने वाले मंडल परिवार ने युवती के शव पर दावा किया।
पुलिस के समक्ष घर के मुखिया बिनोद मंडल ने कहा कि यह शव उनकी बेटी की है। बताया जा रहा है कि पुलिस थोड़ी जल्दबाजी में थी, इसलिए बिनोद मंडल ने भी कबूल कर लिया कि युवती का यह शव उनकी बेटी का है। इस पर पुलिस ने शव सौंप दिया। इसके बाद मंडल परिवार ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
प्रेमी संग फरार थी बेटी
बिनोद मंडल के करीबियों की मानें तो बेटी करीब डेढ़ महीने घर छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। डर की वजह से युवती ने अपने परिवार से संपर्क नहीं किया। संपर्क नहीं होने पर मंडल परिवार ने यह मान लिया था कि उनकी बेटी की जान जा चुकी है। इस दौरान उनकी बेटी की कद काठी से मिलता जुलता शव मिला तो परिवार को यकीन हो गया कि वह मर चुकी है।
बेटी जिंदा तो किसका किया अंतिम संस्कार
इस बीच अकबरपुर ओपी पुलिस की मुश्किलें बढ़ाने वाली खबर भी आ रही है। पुलिस जिसका अंतिम संस्कार बिनोद मंडल की बेटी के रूप में कर चुका है, वह युवती कौन थी। उधर, इस बाबत अकबरपुर ओपी पुलिस से जुड़े सूरज कुमार की मानें तो इस संबंध में जांच करवाई जा रही है। जल्द ही इस बारे में जानकारी जुटा ली जाएगी कि वह युवती कौन थी? जिसका शव मंडल परिवार ने अपनी बेटी समझ अंतिम संस्कार कर लिया।