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बिहार

बिहार को सिंचाई और बाढ़ प्रबंधन के लिए विश्व बैंक से मिलेगी 3090 करोड़ रुपये की सहायता, कैबिनेट ने दी मंजूरी

बिहार में बाढ़ और सूखे की दोहरी चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी पहल की है। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना (BWISMP) को मंजूरी दे दी। यह परियोजना विश्व बैंक की मदद से 4,415 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जाएगी, जिसका मकसद राज्य में आधुनिक सिंचाई प्रणाली और बेहतर बाढ़ प्रबंधन ढांचा तैयार करना है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 16, 2025 19:47
Water Resources Department, Government Of Bihar।
बिहार को मिलेगी 4,415 करोड़ रुपये की विश्व बैंक सहायता।

बिहार में बाढ़ की समस्या से निपटने और सिंचाई के आधुनिक प्रबंधन के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने विश्व बैंक के साथ कुल 4415.00 करोड़ रुपये की परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य में प्रभावी सिंचाई प्रबंधन एवं प्रभावी बाढ़ जोखिम प्रबंधन के लिए विश्व बैंक की सहायता से बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना (Bihar Water Security and Irrigation Modernization Project) तैयार की गई है, जिससे राज्य के लगभग सभी क्षेत्र लाभान्वित होंगे।

क्या है परियोजना का उद्देश्य?

प्रस्तावित परियोजना का मुख्य उद्देश्य संस्थागत क्षमता निर्माण के स्तर से प्रभावी सिंचाई प्रबंधन एवं विकास और कुशल सिंचाई प्रणाली का निर्माण करना है। साथ ही प्रभावी बाढ़ जोखिम प्रबंधन द्वारा आपदा एवं आपातकालीन स्थिति में की जाने वाली तैयारी और प्रक्रिया की क्षमता में वृद्धि करना भी है। इसके अलावा परिणामी आर्थिक और सामाजिक कल्याण को अधिकतम करने हेतु हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना इसका प्रमुख उद्देश्य है। यह एक व्यापक पहल है, जिसमें आवश्यक संस्थागत सुदृढीकरण, हितधारकों की क्षमता का निर्माण, कुशल सिंचाई व्यवस्था, बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण एवं सूखा निवारण आदि शामिल हैं। उक्त परियोजना के तहत बिहार के विभिन्न जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। जिसमें बाढ़, जलजमाव और सूखे से प्रभावित जिलों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए प्रमुख नदियों से अतिरिक्त जलप्रवाह को नियंत्रित करने, अधिक जलप्रवाह की क्षमता को सहन करने के लिए बांधों को अपडेट तकनीक का प्रयोग कर मजबूत करने और सुखाग्रस्त जिलों के लिए सिंचाई स्रोत की खराब सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापित करने की योजनाएं शामिल हैं।

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कितनी है परियोजना की लागत?

प्रस्तावित परियोजना एक वाह्य संपोषित परियोजना है, जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 4415 करोड़ रुपये है। इसका 30 प्रतिशत यानी 1324.50 करोड़ रुपये बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और शेष 70 प्रतिशत यानी 3090.50 करोड़ रुपये की राशि विश्व बैंक (आईबीआरडी) से ऋण के रूप में ली जाएगी।

परियोजना के मुख्य चार कंपोनेंट

इस परियोजना के मुख्य चार कंपोनेंट हैं। जिसके अन्तर्गत निम्नलिखित राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें जलवायु अनुकुल सिंचाई के लिए 2487.00 करोड़ रुपये, बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण के लिए 1525.00 करोड रुपये, जल शासन के लिए 243.00 करोड़ रुपये और परियोजना प्रबंधन के लिए 160.00 करोड़ रुपये का प्रावधान है। परियोजना के विभिन्न कंपोनेंट्स के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्यों का क्रियान्वयन जल संसाधन विभाग (नोडल विभाग) के अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग एवं कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा किया जाना है। परियोजना के कार्यान्वयन की समय-सीमा वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रारंभ कर अगले सात वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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सिंचाई प्रणालियों का होगा उन्नयन एवं आधुनिकीकरण

इस परियोजना के तहत चिन्हित सिंचाई प्रणालियों का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण प्रस्तावित है ताकि राज्य में सिंचाई व्यवस्था वर्षा पर निर्भर न रहे और प्रतिकूल स्थिति में भी सिंचाई की सुविधा कृषकों को उपलब्ध करायी जा सके। इसके अंतर्गत प्रमुख योजनाओं में सोन, गंडक एवं कोसी बैराजों का पुनर्स्थापन, सोन पश्चिमी मुख्य नहर का आधुनिकीकरण, पश्चिमी कोसी सिंचाई योजनाओं का पुनर्स्थापन एवं आधुनिकीकरण, झंझारपुर शाखा नहर का पुनर्स्थापन एवं आधुनिकीकरण, सारण मुख्य नहर (17.00 से 35.00 किमी तक) का नवीकरण एवं लाईनिंग शामिल हैं।

परियोजना के तहत बाढ़ जोखिम न्यूनतम करने का लक्ष्य

परियोजना के तहत बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण के लिए चिन्हित तटबंधो या स्परों का पुनर्स्थापन एवं सुदृढ़ीकरण प्रस्तावित है। पुनर्स्थापन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु विश्व बैंक के सम्बन्धित परामर्शियों के सहयोग से अपडेट रूपांकण तकनीक का उपयोग किया गया है। इसके अंतर्गत प्रमुख योजनाओं में बागमती के बाएं तटबंध की उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और पक्कीकरण, कुर्सेला ब्लॉक जिला कटिहार बिहार में गांव पत्यरटोला से कमलाकनी तक कटाव रोधी कार्य, विस्तारित सिकरहट्टा मंझारी बांध का सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण के साथ 11 स्पर का जीर्णोद्धार, पूर्वी कोसी तटबंध के 25 स्परों का जीर्णोद्धार शामिल हैं।

First published on: May 16, 2025 07:47 PM

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