Bihar elections: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हाल ही में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है इसके अलावा प्रेसवार्ता के दौरान विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम पद पर चेहरा बनाया गया है. इस फैसले ने बिहार की लगभग 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी जो लगभग 1.8 करोड़ वोटर हैं, इन्हें नजरअंदाज करने के आरोप भी लग रहें हैं. कहा जा रहा है कि जब ढाई प्रतिशत आबादी वाले को बिहार में डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित किया जा सकता है, तो 18 फीसदी वाले वोटरों को कैसे नजरअंदाज किया गया.
अत्यंत पिछड़ा वर्ग वोटों के विभाजन से महागठबंधन को हुआ था नुकसान
बिहार में महागठबंधन समेत आरजेडी का एम-वाई फेक्टर, जिसें Muslim-Yadav गठजोड़ भी कहा जाता है पारंपरिक वोटबेंक माना जाता रहा है. पिछले विधान सभा चुनाव में बिहार के अत्यंत पिछड़ा वर्ग वोटों के विभाजन के कारण महागठबंधन को नुकसान झेलना पड़ा था. बता दें कि मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी मल्लाह समुदाय ईबीसी का बड़ा हिस्सा है. इसकी आबादी लगभग 2 से 3 प्रतिशत हैं मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम का चेहरा बनाकर महागठबंधन ने ईबीसी वोटों को साधने का प्रयास किया है. महागठबंधन ऐसा करके बिहार में एनडीए के ओबीसी-ईबीसी फेक्टर को चुनौती देने का प्रयास कर रहा है. इससे पहले 2022 तक मुकेश सहनी एनडीए के साथ थे इन चुनावों में मुकेश सहनी ने 15 से 20 सीटों की मांग की थी और वह कई बार मीडिया के सामने डिप्टी सीएम के पद को लेकर भी बयान दे चुकें थे. बिहार चुनाव में गठबंधन को नुकसान ना हो इसके लिए यह नाम सामने किया गया.
BJP और AIMIM की तरफ से उछाला जा रहा मुद्दा
अब इसके बाद गठबंधन की ये घोषणा लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं. बीजेपी की तरफ से भी इसे उछाल जा रहा है और पूछा जा रहा है कि “एनडीए ने शाहनवाज हुसैन जैसे मुस्लिम चेहरे दिए, महागठबंधन ने क्या किया?” इसके अलावा आजमगढ़ से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने भी बिहार चुनाव पर साधा निशाना साधते हुए कहा है कि ‘भाजपा को हराने के लिए यूपी बिहार सहित पूरे देश का मुसलमान वोट करता है. गठबंधन के अंदर बिहार में 2.6 % वाले को उपमुख्यमंत्री का चेहरा दिया जा रहा. बिहार चुनाव में हम 18 % मुस्लिमों की हिस्सेदारी तय हो. भारत में मुसलमान की स्थिति दलित से भी बदतर है. इसके नेता सयैद असीम वकार ने कहा कि ‘बिहार में 13% वाले यादव जी 4% , 6%, 2%, वालो से कह रहे है की तुम हमको वोट दो हम तुमको डिप्टी CM बना देंगे और 18% वाले मुसलमानो से कह रहे है हम तुमको बीजेपी से बचा लेंगे’.
किस पार्टी ने कितने मुस्लिमों को बनाया उम्मीदवार
बिहार चुनाव में सबसे अधिक असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के 25 में से 23 उम्मीदवार मुस्लिम हैं. कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने 10 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं जन सुराज पार्टी ने पहली दो सूची में घोषित 116 में से 21 मुस्लिम प्रत्याशी बनाए हैं. राजद 141 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने केवल18 मुसलमानों को टिकट दिए हैं. इसके अलावा एनडीए गठबंधन की तरफ से केवल 5 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं. बिहार विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 243 है. आबादी को देखा जाए तो बिहार में मुस्लिम विधायकों की संख्या लगभग 44 होनी चाहिए, लेकिन आज तक मुस्लिम विधायकों की संख्या यहां तक नहीं पहुंची.
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