बिहार में हर दिन नए मोड देखने को मिल रहे हैं। कई मिन्नतों के बाद एनडीए के शीर्ष नेता चिराग पासवान को 29 सीटों पर सहमत कर पाए। अब चिराग के चाचा पशुपति पारस ने बड़ा खेल कर दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को एक और झटका लगा है। लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस) की पार्टी ने खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया है। पार्टी ने ऐलान किया है कि एआइएमआइएम के साथ तीसरा मोर्चा के साथ वह बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।
लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने घोषणा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रमोद सिंह ने बताया कि हम लोग तीसरे मोर्चे के साथ जाकर चुनाव लड़ेंगे।
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आरएलजेपी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर तीसरा मोर्चा के साथ चुनाव लड़ने के फैसले की जानकारी दी। कहा कि राज्य की 243 सीटों पर समान विचारधारा के अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाकर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि आगे की प्लानिंग बताते हुए पशुपति पारस ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके भतीजे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (एलजेपी-आर) जहां-जहां कैंडिडेट देगी, उनकी पार्टी वहां-वहां लड़ेगी।
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चर्चा थी कि पशुपति पारस को तेजस्वी यादव ने RJD में विलय करने का प्रस्ताव मिला था। बदले में पारस को तीन विधानसभा सीटें देने का प्रस्ताव मिला था। बताया गया कि पशुपति पारस ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पारस का कहना था कि उनकी पार्टी अपनी पहचान और संगठनात्मक ढांचे के साथ ही चुनाव लड़ेगी।









