बिहार में वोटर लिस्ट पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महागठबंधन ने चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कई तीखे सवाल पूछे। महागठबंधन ने दावा किया कि चुनाव आयोग उनके सवालों का जवाब नहीं दे पाए। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि चुनाव आयोग से पूछा कि जिन लोगों का नाम यह कहकर काटा गया है कि वह मर गया है, उसका आधार क्या है? इसके अलावा नेताओं ने शिफ्ट हुए मतदाता, दो जगह रजिस्टर नाम होने का भी आधार मांगा। बैठक में इंडिया महागठबंधन की चुनाव आयोग एवं कानूनी मामलों की समिति ने 10 सवालों की सूची आयोग को सौंपी।
शिफ्ट हुए लोगों पर भी पूछा सवाल
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग ने यह कहकर लाखों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए कि वह दूसरी विधानसभा या कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। गगन ने आयोग से वजह का भी आधार मांगा।
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65 लाख नाम काटने को कोई आधार नहीं
चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से 65 लाख से ज्यादा लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया है। आयोग से पूछा गया कि मृतक साबित करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई। इस पर प्रवक्ता गगन ने आरोप लगाया कि आयोग ने पड़ोसियों से पूछ कर नाम काट दिया गया, जो बिल्कुल गलत है। मृतकों की पुष्टि के लिए कोई मृतक प्रमाण पत्र नहीं मांगा।
हटे मतदाताओं को जानकारी न देने का आरोप
प्रवक्ता गगन ने कहा कि कानून के हिसाब से मतदाता सूची से जिसका नाम हटाया जाएगा, उसको सूचना देनी होगी। लेकिन आयोग ने जो 65 लाख मतदाताओं का नाम हटाया है। इसमें इस निर्देश का पालन नहीं हुआ, तो इसलिए कानून की अवहेलना है। वोटर लिस्ट में अब नए पैमाने पर नाम काटने की कोशिश हो रही है।
विदेशी प्रवासियों की संख्या नहीं मिली
महागठबंधन के बताया कि SIR प्रक्रिया के दौरान कई बार सुनने को मिला था कि बांग्लादेश, म्यामांर, नेपाल के लोग पकड़े जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने कहा था कि हम इनकी जांच भी कराएंगे। बैठक के दौरान महागठबंधन ने पूछा कि ऐसे कितने लोग पकड़े गए हैं। तो नेताओं ने दावा किया कि आयोग इसका भी कोई जवाब नहीं दे पाया। महागठबंधन ने चुनाव आयोग से साल 2003 की वोटर लिस्ट की कॉपी भी मांगी।
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