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बिहार में आधा दर्जन छोटी पार्टियां वोट कटवा या किंगमेकर, जानें कैसे नीतीश-तेजस्वी का बिगाड़ेगी खेल

Bihar election 2025 small parties: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार छोटी पार्टियां भी दोनों महागठबंधन का खेल खराब कर सकती हैं। भीम आर्मी और बीएसपी से लेकर आप आदमी पार्टी तक करीब आधा दर्जन पार्टियां इस बार गेमचेंजर साबित हो सकती है। आइये जानते हैं इन पार्टियों का क्या जनाधार है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 21, 2025 07:56
Bihar election 2025 small parties impact
मायावती, अरविंद केजरीवाल और सीएम हेमंत सोरेन (Pic Credit-ANI)

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। दोनों गठबंधन भी तैयारियों में जुटे हैं। एनडीए में बीजेपी और जेडीयू है तो वहीं इंडिया में कांग्रेस और राजद नेतृत्व कर रहे हैं। इंडिया फिलहाल कानून व्यवस्था को सबसे बड़ा मुद्दा बना रही है जबकि एनडीए फ्री स्कीम्स के जरिए लोगों को साधने में जुटी है। इस चुनाव में इस बार कई छोटे दल ऐसे हैं जो दोनों गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। इसमें जेएमएम, एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी, जन सुराज और आजाद समाज पार्टी जैसे दल शामिल हैं। ऐसे में आइये जानते हैं इन पार्टियों का क्या जनाधार है? ये चुनाव में किसका खेल बिगाडे़गी?

आप कितनी बड़ी चुनौती?

जानकारों की मानें तो बिहार चुनाव में गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती है। अगर आप पिछले चुनाव की बात करें तो दोनों गठबंधनों के बीच हार-जीत का अंतर सिर्फ 11000 वोट थे। यानी 11000 वोट कम मिलने के कारण आरजेडी सत्ता से बाहर थी और जेडीयू-बीजेपी की सरकार बन गई थी। ऐसे में अगर ये छोटे दल जिन्हें वोट कटवा पार्टी भी कहा जाता है 10 प्रतिशत वोट भी इधर-उधर करते हैं तो दोनों गठबंधनों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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इंडिया ब्लॉक को सबसे बड़ा झटका देने का काम किया है आम आदमी पार्टी ने। आम आदमी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। आम आदमी पार्टी का बिहार में जनाधार नहीं है। लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। हालांकि ये रहा है कि पार्टी जब-जब चुनाव लड़ने किसी राज्य में पहुंची है वहां पर उनकी जमानत जब्त होती आई है।

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ओवैसी के निशाने पर मुस्लिम वोटर्स

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सीमांचल इलाके में 5 सीटें जीती थीं। वहीं कुछ सीटों पर पार्टी की मौजूदगी से आरजेडी को नुकसान पहुंचा था। इसके कारण आरजेडी 100 का का आंकड़ा नहीं छू पाई थी। इस बार ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन में सीटें मांगी हैं लेकिन लगता नहीं कि उन्हें कुछ मिलने वाला है क्योंकि आरजेडी को मुस्लिम वोट मिलते आए हैं।

भीम आर्मी-बीएसपी की दलित वोटर्स पर नजर

इसके अलावा नगीना सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पार्टी का फोकस दलित वोट बैंक पर ज्यादा है। देखना है कि उनके कारण चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और जेडीयू को कितना नुकसान पहुंचता है। आजाद समाज के अलावा बीएसपी भी दलित सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। ऐसे में वह भी एनडीए को नुकसान पहुंचा सकती है।

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First published on: Jul 21, 2025 07:54 AM

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