Bihar chunav: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए की आंधी दिखाई दे रही है, रुझानों में भाजपा 94 सीटों पर आगे है. रुझान जीत में बदले तो नीतीश कुमार के बिना भी भाजपा बिहार में सरकार बना सकती है. बिना जेडीयू के एनडीए की सीटें बहुमत के नंबर 122 पर पहुंच गई हैं. नए समीकरण के मुताबिक, भाजपा अब तक 94 सीटों पर आगे है, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास 19 सीटों पर आगे है, जीतन राम मांझी की पार्टी HUM 5 सीटों पर आगे है, वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा 4 सीटों पर आगे है. सभी पार्टियों का जोड़ मिलाकर 122 बनता है जो बिहार में बहुमत का आंकड़ा है। इनमें जेडीयू की 82 सीटें शामिल नहीं हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और जेडीयू दोनों 101 सीटों पर उतरी थी, जिसमें 94 सीटों के साथ भाजपा बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है।

आखिरी वक्त तक नीतीश को सीएम फेस नहीं बनाया
बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन ने तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया था, लेकिन मंचों पर नीतीश की मौखिक रूप से तारीफ करते हुए भाजपा ने कभी उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बताया. हर बार यही सुनने को मिला कि एनडीए अगर बहुमत में आई तो विधायक दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री का चुनाव होगा. भाजपा के दिग्गज नेता भी नीतीश कुमार का नाम बतौर भावी मुख्यमंत्री के तौर पर लेने से परहेज करते देखे.
चुनाव परिणाम पर क्या बोले कांग्रेस राज्यसभा सांसद?
बिहार के चुनाव परिणाम पर महागठबंधन की हार के लिए कांग्रेस राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने आरजेडी से संजय यादव और कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अलावारुउ को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वही लोग बता सकते हैं कि क्यों ऐसा हुआ. सीट शेयरिंग मे हुई देरी और फ्रेंडली फाइट के लिए कोई जगह नही. हम लोग मीटिंग में बैठेंगे चिंता करेंगे तब पता चलेगा कांग्रेस आखिर कहां चूक गई. उन्होंने नीतीश और NDA गठबंधन को बधाई दी और सवाल उठाया कि समझ में नहीं आ रहा है जिस तरह की भीड़ आ रही थी और जो परिणाम आये है वह ठीक उलट हैं.
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