बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले भाजपा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर तिरंगा यात्रा निकाल रही है। इससे साथ ही पीएम मोदी के मंगलवार को आदमपुर एयरबेस से जो भाषण दिया, उससे साफ हो गया कि बिहार चुनाव में भारतीय सेना की कार्रवाई, आतंकवाद को लेकर बात जरूर होगी। एनडीए के दल इसी के आसपास अपनी रणनीति बनाएंगे। वहीं, इस मामले में जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने भी बहुत कुछ साफ कर दिया है।
क्या कहा संजय झा ने?
बिहार चुनाव में एनडीए की रणनीति को लेकर जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने राहुल गांधी के बिहार दौरे से लेकर जाति गणना के मुद्दे पर अपनी राय रखी। संजय झा ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस बार चुनाव केवल बिहार में हैं, इसलिए सभी राजनीतिक दलों का ध्यान इस राज्य पर केंद्रित हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनावी मौसम में राजनीतिक यात्राओं का उद्देश्य केवल जनता का समर्थन हासिल करना है। राहुल गांधी भी इसी वजह से बिहार दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान संजय झा ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई का समर्थन भी किया।
संजय झा ने भारतीय सेना को धन्यवाद दिया
संजय झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ नीति का समर्थन करते हुए कहा कि पहलगाम की घटना के बाद भारत ने ठोस निर्णय लिया कि आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्रों को खत्म किया जाएगा। उन्होंने भारतीय सेना को धन्यवाद दिया, जिन्होंने पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र सहित पीओके में कई आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा कि यह अब भारत का ‘न्यू नॉर्मल’ है, अब भारत आतंकी गतिविधियों का जवाब पाकिस्तान के अंदर जाकर देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने यह साफ कर दिया है कि ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते’, जिसका मतलब है कि सिंधु समझौते पर अब पुनर्विचार हो रहा है और यदि पाकिस्तान दोबारा आतंकवाद को बढ़ावा देगा, तो भारत युद्ध जैसी कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि अब कोई समझौता नहीं होगा, भारत पूरी शक्ति के साथ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
जाति जनगणना को लेकर नीतीश कुमार की सराहना की
संजय झा ने केंद्र द्वारा जाति आधारित जनगणना की घोषणा को एक ऐतिहासिक कदम बताया। साथ ही उन्होंने जाति आधारित जनगणना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने देश में सबसे पहले जाति गणना करवाई, जबकि कांग्रेस ने इसे अपने एजेंडे में शामिल करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वे इस पहल का विरोध न करें और समानता की दिशा में किए गए इस प्रयास को समर्थन दें।