सौरव कुमार/पटना
Bihar CM Nitish kumar On Caste Census Report: बिहार की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश में जातिगत सर्वे के आधार पर जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। सोमवार को चीफ सेक्रेटरी की तरफ से जाति आधारित गणना 2022 की पुस्तिका के विमोचन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वे टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी हासिल हुई है और अब इसी के आधार पर सबका विकास किया जाएगा।
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विधानसभा में 9 राजनैतिक पार्टियों की सहमति और 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद अपने संसाधनों से कराई राज्य सरकार ने जाति आधारित जनगणना
बता दें कि बीते वक्त में बिहार की विधानसभा में 9 राजनैतिक पार्टियों की सहमति के साथ राज्य में जातिगत जनगणना का फैसला लिया गया था। 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित जनगणना कराई है। सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर इस रिपोर्ट को प्रदेश की सरकार ने सार्वजनिक कर दिया है।
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इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार बिहार की कुल आबादी 13,07,25,310 में से 27.13 फीसदी यानि 3,54,63,936 की आबादी पिछड़ा वर्ग (Backward Class) की है। 4,70,80,514 लोग अति पिछड़ा वर्ग (Most Backward Class) में हैं, जो कुल आबादी का 36.01 प्रतिशत बनता है। इसके अलावा कुल जनसंख्या के 15.52 फीसदी यानि 4,70,80,514 लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आते हैं। 2,56,89,820 लोग अनुसूचित जाति के हैं, अनुसूचित जनजाति कह जनसंख्या भी 21,99,361 है, वहीं 2,02,91,679 लोग अनारक्षित हैं। इसके अलावा राज्य में 82% हिन्दू और 17. 7% मुसलमान हैं। .05% लोग ईसाई हैं, .08% बौद्ध धर्म को मानते हैं तो .0016% किसी धर्म विशेष से ताल्लुक नहीं रखते।
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मुख्य सचिव की तरफ से इस रिपोर्ट का विमोचन किए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के हैंडलर पर बधाई दी है। वहीं, मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
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आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
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उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा-जानना जरूरी है कि कौन हैं
उधर, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह जानना जरूरी है कि ये कौन लोग हैं, जो हमारी नालियां साफ करते हैं, कौन झुग्गियों में रहते हैं, कौन मजदूर हैं, कौन भूमिहीन हैं… इस जनगणना से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य में किसकी आबादी कितनी है और उनकी आर्थिक स्थिति क्या है’। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार की जनता को बधाई देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस सर्वे में बहुत रोड़ा अटकाया, लेकिन हमने सारी बाधाओं को तोड़ प्रधानमंत्री से जाति-आधारित जनगणना की मांग की। इस जनगणना को लोकसभा और राज्यसभा में नामंजूर कर दिया गया था, लेकिन हमारी प्रतिबद्धता मजबूत थी और हमने इसे कर दिखाया। उपमुख्यमंत्री ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव और दिवंगत शरद यादव का भी धन्यवाद किया।