बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली में भगवान बुद्ध की कर्मभूमि पर लगभग 540 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का उद्घाटन किया है। यह संग्रहालय 72 एकड़ के भूखंड पर स्थित है और इसे पवित्र पुष्करणी तालाब और पौराणिक मार स्तूप के निकट विकसित किया गया है। यहां के संग्रहालय में गौतम बुद्ध से जुड़ी रोचक घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया जाएगा।
वैशाली की प्रगति में होगी चार गुना वृद्धि
संग्रहालय के उद्घाटन से वैशाली की प्रगति में चार गुना वृद्धि होगी। इस संग्रहालय में यहां खुदाई के दौरान मिले भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेषों को आम लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा। सुरक्षा कारणों से अस्थि अवशेषों को फिलहाल पटना स्थित संग्रहालय में रखा गया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण के बाद बौद्ध भिक्षुओं के साथ बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक वैशाली आएंगे। यहां बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़ी घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इस दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, विधायक सिद्धार्थ पटेल, अवधेश सिंह समेत कई मंत्रीगणों के अलावा कई देशों से यहां पहुंचे बौद्ध धर्मावलंबी मौजूद रहे।
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बुद्ध स्मृति स्तूप की कुल ऊंचाई 33 मीटर
वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा 4 हजार 300 वर्ग मीटर के भूखंड पर किया गया है। इसका निर्माण राजस्थान से लाए गए गुलाबी पत्थरों से किया गया है। पत्थरों से बने पूरे ढांचे में पत्थरों को जोड़ने के लिए किसी चिपकने वाले पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है। वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप की कुल ऊंचाई 33 मीटर है। इसका आंतरिक व्यास 38 मीटर और बाहरी व्यास 50 मीटर है।
रामलला मंदिर जैसे पत्थरों से हुआ संग्रहालय का निर्माण
राजस्थान के जिस गुलाबी पत्थर से अयोध्या में रामलला मंदिर का निर्माण हुआ है और हो रहा है, उसी पत्थर का इस्तेमाल वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप के निर्माण में किया गया है। यह बात निर्माण के दौरान ही तब सामने आई जब निर्माण में देरी के बाद एजेंसी से जवाब मांगा गया तो बताया गया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भेजे जा रहे पत्थरों के कारण यहाँ पत्थर उपलब्ध होने में समस्या आ रही है। इसके बाद अधिकारियों ने राजस्थान जाकर पत्थरों की उपलब्धता सुनिश्चित की।
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मुख्यमंत्री ने कई बार निर्माण कार्य का लिया जायजा
निर्माण का जायजा लेने स्वयं मुख्यमंत्री चार बार वैशाली आ चुके हैं। वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री शुरू से लेकर अब तक काफी गंभीर रहे हैं। इसके निर्माण कार्य का जायजा लेने स्वयं मुख्यमंत्री चार बार वैशाली आ चुके हैं। वहीं, सीएम के निर्देश के आलोक में डीएम ने हर माह तीन से चार बार वैशाली पहुंचकर निर्माण कार्य का जायजा लिया और निर्माण कार्य को तेजी से पूरा कराया।