बिहार में इन दिनों इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इसी के तहत राज्य में रोड कनेक्टिविटी पर भी खास फोकस किया जा रहा है। हाल ही में बिहार की गंगा नदी पर एशिया का सबसे चौड़ा एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल 6 लेन रोड पुल बनाया गया है। यह केबल रोड पुल बेगूसराय के सिमरिया और पटना के औंटा तक बनाया गया है। इसके निर्माण में करीब 1161 करोड़ की लागत लगी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मधुबनी दौरे के दौरान 24 अप्रैल को वर्चुअली इस पुल का उद्घाटन कर सकते हैं। इस पुल से बिहार के 12 जिलों के बीच दूरी कम होगी। चलिए इस पुल की खासियत के बारे में बताते हैं।
माँ गँगा के आँचल में अब विकास की एक और भव्य कहानी!
---विज्ञापन---8.2 किमी लंबा और 6 लेन चौड़ा यह औंटा-सिमरिया गँगा पुल जिससे राजेन्द्र सेतु का बोझ होगा हल्का और औद्योगिक आवाजाही को मिलेगी नई उड़ान।
यह सिर्फ एक पुल नहीं, गँगा मैया की लहरों पर बसा बिहार के उज्ज्वल भविष्य का सपना है।… pic.twitter.com/zeHIMPdin4— Namami Gange (@cleanganganmcg) April 14, 2025
---विज्ञापन---
एशिया का सबसे चौड़ा केबल रोड पुल
1161 करोड़ रुपये में बने इस 1.865 किलोमीटर पुल की कुल लंबाई 8.15 किलोमीटर है, जिसके निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। इसमें पुल दोनों तरफ औंटा और सिमरिया साइड में एप्रोच पथ भी शामिल है। इस पुल पर भरपूर लाइटिंग के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिसके जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी। नई टेक्नोलॉजी से बने इस पुल की चौड़ाई 34 मीटर होगी, जिससे गाड़ियों को आवाजाही में काफी सुविधा मिलेगी। इस एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल पुल का पूरा लोड केबल पर ही रहेगा। पुल पर दोनों साइड 13-13 मीटर चौड़ी 3-3 लेन की सड़क है। इसके अलावा पैदल और साइकिल वालों के लिए पुल के साइड पर 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ बना है।
6 वेकल अंडर पुल निर्माण
वहीं, इस 6 लेन सड़क पुल के दोनों तरफ औंटा से हाथीदह और सिमरिया बिंदटोली से राजेन्द्र पुल स्टेशन के पास NH-31 तक एक रेल ओवर पुल (ROB), 6 वेकल अंडर पुल (VUV) और 2 रेल अंडर पुल (RUB) बनाया गया है। हाथीदह जंक्शन के पास NH-80 के ऊपर से NH-31 गुजरा है। वहीं, औंटा के पास भी 2 RUB बनाया गया है।
यह भी पढ़ें: बिहार के 38 जिलों में बारिश; 10 जिलों में बिजली गिरने का अलर्ट, IMD का ताजा अपडेट
केबल रोड पुल के फायदे
इस पुल से उत्तर, दक्षिण और पश्चिम बिहार के 12 जिलों के बीच दूरी कम होगी। इसमें उत्तर बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, मधुबनी के अलावा दक्षिण बिहार के लखीसराय, शेखपुर, जमुई, नवादा, गया समेत पश्चिम बिहार के पटना, आरा और बक्सर के बीच की दूरी कम होगी।