Big Fraud in Bihar education department: शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा का एक बड़ा ही हैरतअंगेज मामला सामने आया है। एक ही सर्टिफिकेट पर दो महिलाओं ने शिक्षिका के पद पर नौकरी हासिल की। एक की नियुक्ति झारखंड में हुई। दूसरे की बिहार के बाढ़ में। 15 वर्षों तक बिहार में शिक्षिका के पद पर फर्जी तरीके से मनोरमा नौकरी करती रही, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। जब असली मनोरमा ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया चास कोर्ट एरिया ब्रांच में घर निर्माण के लिए लोन लेने के लिए आवेदन दिया। तब उसके पैन नंबर की जांच की गई है तो उस पैन नंबर पर बाढ़ के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में 7 लाख रुपए लोन लेने की बात सामने आ गई।
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असली मनोरमा झारखंड में, एक अन्य बिहार में तैनात
इस बात की जानकारी मिलने के बाद झारखंड निवासी असली मनोरमा के पैरों तले जमीन खिसक गई। असली मनोरमा झारखंड के बोकारो जिले के चास अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिंहडीह विद्यालय में सहायक शिक्षिका के पद पर 2005 से तैनात है। जबकि उसके सर्टिफिकेट पर सिवान निवासी मनोरमा ने विभाग को चकमा देकर बाढ़ के कमला कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी हासिल कर ली। पैन नंबर ने इस बडे फर्जीवाड़ा को उजागर कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार मामला सामने आने के बाद दूसरे के सर्टिफिकेट के आधार पर बाढ़ नगर परिषद अंतर्गत कमला कन्या मध्य विद्यालय बाढ़ में नगर शिक्षिका के पद तैनात मनोरमा पति संजय कुमार पाठक विद्यालय से फरार हो गई हैं। उसकी खोजबीन की जा रही है।
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ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
बताया जाता है कि इसका पर्दाफाश तब हुआ जब असली मनोरमा पति विजय गिरी, पिता रामध्यांचन पूरी, चास बोकारो झारखंड की महिला शिक्षिका बोकारो चास कोर्ट एरिया स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से मकान लोन लेने बैंक गई। तब वहां के कर्मियों ने उन्हें बताया कि एसबीआई बाढ़ शाखा में आपके नाम पर सात लाख रुपए का लोन पूर्व से है। महिला शिक्षिका का सिर ठनका। उसने फौरन बोकारो चास थाने में तथाकथित महिला के विरुद्ध बतौर सूचना देकर जांच करने की मांग की। थानाध्यक्ष त्वरित कार्रवाई करते हुए बाढ़ थाने को ईमेल कर मामले की जांच कर सूचना अवगत कराने का अनुरोध किया।
वर्ष 2010 से कर रही थी नौकरी
बाढ़ पुलिस तुरंत कमला कन्या मध्य विद्यालय बाढ़ पहुंची और मामले की तहकीकात की तो पता चला कि तथाकथित महिला शिक्षिका तीज व्रत में अपने घर नरौली जिला सिवान गई। तब से बिना सूचना विद्यालय से फरार है। तथाकथित महिला शिक्षिका मनोरमा, झारखंड निवासी मनोरमा के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पेन कार्ड इस्तेमाल कर वर्ष 2010 से नौकरी कर रही थी। सबसे पहले उसकी नियुक्ति बाढ़ नगर परिषद के मध्य विद्यालय हरिजन बाढ़ में नगर शिक्षिका के पद पर की गई थी। एक विद्यालय परिसर में संचालित विद्यालय को विभागीय आदेशानुसार मर्ज करने के उपरांत कमला कन्या मध्य बाढ़ में इकाई सहित पदस्थापित हुई हैं। पीड़ित शिक्षिका मनोरमा झारखंड से बिहार के बाढ़ क्षेत्र पहुंची।
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बोकारो में आपराधिक मामला दर्ज
इस संबंध में असली मनोरमा ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्टेट बैंक के मैनेजर तथा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को लिखित जानकारी देकर कार्रवाई करने की मांग की है। महिला का आरोप है कि उसके सर्टिफिकेट को गलत तरीके से हासिल किया गया है। इसको लेकर बोकारो में आपराधिक मामला दर्ज कराया जा रहा है। इस संबंध में बाढ़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुजीत कुमार सोनू ने बताया कि दूसरे के सर्टिफिकेट पर फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया है। पूरे मामले को लेकर जांच शुरू कर दी गई है। वरीय पदाधिकारी को भी सूचित कर दिया गया है।
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