बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सभी राजनैतिक पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी 3 मई को सीमांचल आ रहे हैं, लेकिन उनके दौरे से पहले किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
सामने आई ये वजह
एआईएमआईएम (AIMIM) पार्टी में कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम को शामिल कराने के बाद बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से जुड़े पार्टी कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, कार्यकर्ता बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक तौसीफ आलम को टिकट देने से नाराज थे। युवा नेता मासूम रजा के अगुवाई में नाराज चल रहे पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक बहादुरगंज में आयोजित की गई। इसके बाद नाराज नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की घोषणा की।
प्रदेश सचिव मासूम रजा समेत कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
AIMIM युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मासूम रजा के साथ-साथ बहादुरगंज प्रखंड अध्यक्ष तौसीफ आलम सहित अन्य नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस दौरान नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान और पार्टी सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। मासूम रजा ने कहा कि तौसीफ आलम 17 साल तक विधानसभा में रहे, लेकिन एक प्रश्न तक नहीं किया और ना ही उन्होंने हमारी तकलीफ को दूर करने का काम किया। आखिर ऐसे व्यक्ति को क्या सोचकर टिकट दे दिया गया? यह प्रदेश अध्यक्ष को बताना चाहिए।
‘तौसीफ आलम को चुनाव जीतने नहीं देंगे’
बहादुरगंज प्रखंड अध्यक्ष तौसीफ आलम ने कहा कि ‘पार्टी नेतृत्व को लगता है कि वे कार्यकर्ताओं के बगैर ही चुनाव जीत जाएंगे, इसीलिए हम सभी इस्तीफा दे रहे हैं और आगे अन्य नेता भी इस्तीफा देंगे। बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से किसी भी कीमत पर तौसीफ आलम को चुनाव जीतने नहीं देंगे।’ नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि शुरू से ही पार्टी संगठन को मजबूत करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अहमियत नहीं दी जा रही है। मासूम रजा कठिन दौर में भी संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे।
जब संगठन मजबूत स्थिति में आ गई तो अब पार्टी नेतृत्व पूर्व विधायक तौसीफ आलम को पार्टी में लाकर विधानसभा चुनाव लड़वाना चाहती है।
ओवैसी ने किया बड़ा दावा
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बार बिहार में और भी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीतेगी। ओवैसी दो दिवसीय सीमांचल दौरे पर आ रहे हैं। वे 3 और 4 मई को किशनगंज जिले में जनसभा करेंगे। 3 मई को बहादुरगंज में उनकी जनसभा होगी, जबकि 4 मई को एक अन्य स्थान पर जनसभा करेंगे। ओवैसी का कहना है कि उनकी पार्टी एआईएमआईएम इस बार और अच्छा प्रदर्शन करेगी। सीमांचल की जनता उन विधायकों को सबक सिखाएगी जिन्होंने उनका साथ छोड़ दिया था।
2020 में 5 सीटों पर मिली थी जीत
बता दें कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव (2020) में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उनमें से 5 सीटों पर जीत हासिल की थीं। कई सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवारों की हार का कारण भी ओवैसी के उम्मीदवारों को माना गया था। एआईएमआईएम ने सीमांचल की मुस्लिम बहुल पांच सीटें जीती थीं। लेकिन 2022 में चार विधायक राजद में शामिल हो गए, जिससे पार्टी के पास सिर्फ एक विधायक बचा। एआईएमआईएम ने 2015 में अख्तरुल इमान के नेतृत्व में बिहार में पार्टी की शुरुआत की थी। अब ओवैसी की पार्टी एक बार फिर अपना वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
इन विधायकों ने छोड़ा था ओवैसी का साथ
ओवैसी की पार्टी के जिन विधायकों ने राजद का दामन थामा था, उनमें कोचाधामन के मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट के शाहनबाज आलम, बायसी के रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के अंजार नइमी का नाम शामिल है। एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने ओवैसी का साथ नहीं छोड़ा है। अभी वो बिहार में AIMIM के इकलौते विधायक हैं।