Bihar Elections: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी जीत का मंत्र दिया. शुक्रवार को उनके व्यस्त कार्यक्रमों में संगठनात्मक बैठकों से लेकर रणनीतिक चर्चाएं शामिल रहीं. दिन में शाह ने बेतिया में पार्टी के दस संगठनात्मक जिलों के पंचायत से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि चुनाव जीतने के लिए हर स्तर पर कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाना अनिवार्य है।
यह चुनाव केवल बिहार नहीं, बल्कि पूरे देश को संदेश देगा
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश को संदेश देगा, इसलिए किसी प्रकार का भेदभाव किए बिना कार्यकर्ताओं को सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम करना होगा. शाम को पटना स्थित भाजपा कार्यालय में उन्होंने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और बिहार के चुनाव प्रभारी की मौजूदगी में 12 राज्यों से आए 45 सांसदों और 45 विधायकों के साथ बैठक की. इनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधि शामिल रहे. इन प्रवासी जनप्रतिनिधियों को विभिन्न जिलों और विधानसभा क्षेत्रों का दायित्व सौंपा गया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि संगठनात्मक कार्यों में निपुण ये नेता एनडीए के खिलाफ चल रही सत्ता-विरोधी लहर को थामने में सहायक सिद्ध होंगे.
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पदाधिकारियों को जिम्मेदारियों के प्रति किया सजग
बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक राधा मोहन शर्मा समेत प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय प्रभारी, सह प्रभारी और कोर ग्रुप के सदस्य मौजूद रहे। अमित शाह ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं और नेताओं को चेताया कि चुनाव तक अन्य कार्यों को छोड़कर केवल संगठन को समय दें. धर्मेंद्र प्रधान और बीएल संतोष ने भी उपस्थित पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति सजग किया. उन्होंने कहा कि जिला मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ स्तर तक समन्वय बनाना ही सफलता की कुंजी होगी. इसके साथ ही राजग दलों के बीच तालमेल और सामूहिक लक्ष्य पर भी जोर दिया गया. अमित शाह का यह दौरा बिहार भाजपा के लिए न केवल मनोबल बढ़ाने वाला रहा, बल्कि चुनावी रणनीति के क्रियान्वयन की दिशा भी तय करता है. उन्होंने साफ किया कि असली मकसद एनडीए की जीत है और इसके लिए सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना होगा.
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