दिलीप दुबे
नरकटियागंज : बिहार के मुजफ्फरपुर-गोरखपुर रेलखंड बगहा बाल्मिकी नगर रोड रेलवे के पास रेल लाइन पर ट्रेन से कटकर दो मगरमच्छों की मौत हो गई। यह घटना स्टेशन के बीच मंगलपुर औसानी हाल्ट के पास हुई, जिसके बाद मगरमच्छों के कटने की सूचना रेलवे कर्मचारी द्वारा बगहा वन कार्यालय को दी गई, सूचना पाने के बाद वन विभाग की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर दोनों मगरमच्छ के कटे हुए भाग को बरामद कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
मृत मगरमच्छों का पोस्टमार्टम कर दफनाया गया
बगहा वन के अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि वन विभाग की टीम ने अज्ञात ट्रेन से कटकर मृत दो मगरमच्छ के शवों को बगहा वन क्षेत्र कार्यालय लाया गया। उन्होंने बताया, हादसा इतना भयानक था कि एक मगरमच्छ के दो हिस्से हो गए वहीं दूसरे मगरमच्छ की चोटिल होने से मौत हो गई। दोनों मृत मगरमच्छों का पोस्टमार्टम कर दफना दिया गया है। वहीं मगरमच्छ किस ट्रेन से कटे हैं इसकी जांच पड़ताल कर करवाई की जा रही है।
उचित रख रखाव के अभाव में नदी से भटक गए हैं मगरमच्छ
घटना स्थल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से बिल्कुल सटा हुआ है और इसके बीच से होकर निकलने वाली गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण और संवर्धन के कार्य किया जा रहा है जिसके परिणाम भी बहुत अच्छे मिल रहे हैं। मगरमच्छ की संख्याओं में अच्छी-खासी वृद्धि देखने को मिल रही है लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में मगरमच्छ नदी से भटक कर ग्रामीण क्षेत्रो में निकल रहे हैं, जिससे मगरमच्छ के साथ-साथ आमजन की भी जान-माल की हानि हो रही है।
विभाग की लारवाही आ रही सामने
एक साथ दो मगरमच्छों का रेल ट्रैक पर इस प्रकार दुर्घटनाग्रस्त होना सुरक्षा व संवर्धन के नाम पर एक गम्भीर सवाल खड़ा करता है। वहीं इस घटना पर स्थानीय लोगो का कहना है कि अगर इसकी सही दिशा में जांच पड़ताल की जाए तो आज भी दर्जनों मगरमच्छ आस-पास के गांवों में छोटे बड़े आहार, पोखर व तालाबो में अपना डेरा डाले हुए हैं जहां आए दिन इनके हमले से ग्रामीण सहित जानवर भी आहत हो रहे हैं। अभी महज दो सप्ताह पहले एक मां ने अपने मासूम बेटे को मगरमच्छ के मुंह से खींच कर बचाया था और आज यह घटना पूरे विभाग की लापरवाही का प्रमाण पेश कर रही है। बहराल मगरमच्छ, भैंस पर आक्रमण करने की मुद्रा में आमने-सामने आ गए हैं।