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औरंगजेब को कुशल शासक बताने पर बवाल, राजस्थान की यूनिवर्सिटी विवादों के घेरे में

Rajasthan News: उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में है. यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा मुगल शासक औरंगजेब को कुशल प्रशासक कहे जाने के बाद परिसर में छात्र संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। मामला इतना बढ़ा कि यूनिवर्सिटी प्रशासनिक भवन विरोध का अखाड़ा बन गया. नारेबाजी, तोड़फोड़ और टायर जलाने की घटनाएं सामने आई है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Sep 16, 2025 20:16

Rajasthan News: उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में है. यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा मुगल शासक औरंगजेब को कुशल प्रशासक कहे जाने के बाद परिसर में छात्र संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा. मामला इतना बढ़ा कि यूनिवर्सिटी प्रशासनिक भवन विरोध का अखाड़ा बन गया। नारेबाजी, तोड़फोड़ और टायर जलाने की घटनाएं सामने आई है.

छात्र संगठन की आपत्ति

एक शैक्षणिक संगोष्ठी में बोलते हुए कुलपति ने औरंगजेब को एक कुशल प्रशासक बताया. उनके इस बयान को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने तीखी आपत्ति जताई. छात्रों का कहना है कि महाराणा प्रताप की धरती पर औरंगजेब जैसे शासक की तारीफ नाकाबिले-बर्दाश्त है.

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तनावपूर्ण हो गई स्थिति

प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की. यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ और आगजनी कर माहौल को अधिक तनावपूर्ण बना दिया. इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कुछ छात्रों के निष्कासन का आदेश जारी किया गया, जिसने आग में घी डालने का काम किया.

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बयान को तोड़ मरोड़ कर किया पेश

इस बीच कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि वह गैर-हिंदी भाषी है और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया. साथ ही उन्होंने खेद भी जताया। विरोध करने वाले छात्र इस माफी से संतुष्ट नहीं हैं.

कुलपति को हटाने की मांग

पूर्व छात्र नेता हिमांशु Chaudhary और सिद्धार्थ सोनी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि कुलपति को हटाया नहीं गया, तो छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर उदयपुर बंद का आह्वान करेंगे. वहीं, राजस्थान के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने इस विवाद से किनारा करते हुए इसे कुलपति का व्यक्तिगत बयान करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार इस बयान का समर्थन नहीं करती और कुलपति से ही इसका जवाब मांगा जाना चाहिए.

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First published on: Sep 16, 2025 08:12 PM

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