Ankita Murder Case: उत्तराखंड (Uttarakhand) में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) के बाद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंकिता की मौत के बाद से परिवार समेत पूरे उत्तराखंड के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को ऋषिकेश (Rishikesh) में दशहरे के मौके पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले नहीं जलाए गए। बल्कि यहां हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के पुतले जलाए गए। साथ ही नारेबाजी भी की गई।
ऋषिकेश में इकट्ठा हुए सैकड़ों लोग
बता दें कि अंकिता भंडारी की मौत के बाद हुए खुलासे ने पूरे उत्तराखंड समेत देशभर में सनसनी फैला दी थी। अंकिता के शव का पोस्टमार्टम होने के दौरान भी उत्तराखंड में बद्रीनाथ-ऋषिकेश मार्ग को लोगों ने जाम कर दिया था। इसके बाद भी उत्तराखंड में लगातार विरोध-प्रदर्शन होते चले आ रहे हैं। लोगों की मांग है कि अंकिता की मौत के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। इसी विरोध के तहत बुधवार को उत्तराखंड में जमकर नारेबाजी हुई।
सरकार पर लगाए ये गंभीर आरोप
यहां ऋषिकेश में श्यामपुर फाटक के पास काफी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। उन्होंने रावण, कुंभकरण और मेघनाथ की जगह पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के पुतले खड़े किए। विरोध में नारे लगाए। इसके बाद तीनों के पुतलों को जलाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यहां लोगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। लोगों ने आरोप लगाया गया कि सरकार आरोपियों को बचाना चाहती है। इस दौरान पुलिस फोर्स भी मौके पर मौजूद रही।
नहर से मिली थी अंकिता की लाश, हुआ था ये खुलासा
बता दें कि उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। 18 सितंबर को वह अचानक लापता हो गई। पीड़ित पिता ने संबंधित राजस्व पुलिस से मामले की शिकायत की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच लक्ष्मण झुला पुलिस को सौंपी।
पुलिस ने 24 घंटे में मामले का खुलासा करते हुए अंकिता का शव चिल्ला नहर से बरामद किया। वहीं रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य समेत उसके मैनेजर और एक अन्य कर्मचारी को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि पुलकित अंकिता पर ग्राहकों को ‘विशेष सेवा’ देने के लिए दबाव बना रहा था।