---विज्ञापन---

Twin Towers Demolition: ये हैं ट्विन टावर मामले के जिम्मेदार, कार्रवाई शुरू लेकिन गिरफ्तारी एक भी नहीं

नई दिल्ली: नोएडा के ट्विन टावरों को गिरा दिया गया है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो शुरू की गई है लेकिन एक भी जिम्मेदार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। नोएडा सेक्टर 93-ए में बनाए गए सुपरटेक ग्रुप के ट्विन टावरों के विध्वंस के बाद ये सवाल उठ रहा है कि […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 29, 2022 12:04
Share :

नई दिल्ली: नोएडा के ट्विन टावरों को गिरा दिया गया है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो शुरू की गई है लेकिन एक भी जिम्मेदार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। नोएडा सेक्टर 93-ए में बनाए गए सुपरटेक ग्रुप के ट्विन टावरों के विध्वंस के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी अवैध संरचना आखिर बन कैसे गई?

अभी पढ़ें Twin Towers Demolition:  सोसाइटी की चारदीवारी क्षतिग्रस्त, 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात

---विज्ञापन---

जब ये साबित हो गया कि ट्विन टावर अवैध है और कानून को ताक पर रखकर इनका निर्माण किया गया है तो मामले में विभिन्न एजेंसियों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार सुपरटेक, नोएडा प्राधिकरण या फिर अग्निशमन विभाग के किसी भी अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई। फिलहाल नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारी रडार पर हैं। इनमें कुछ प्रमुख अधिकारी हैं, जिन्हें निलंबित किया गया है।

वे अधिकारी जिन्हें किया गया है निलंबित

  • योजना प्रबंधक: मुकेश गोयल
  • योजना सहायक: विमला सिंह
  • उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम में योजना सहायक : अनीता
  • यमुना प्राधिकरण में महाप्रबंधक नियोजन : ऋतुराज

इनके अलावा सात अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है

  • योजना विभाग में सीपीए: त्रिभुवन सिंह और वीए देवपुराजी
  • सीनियर टाउन प्लानर : राजपाल कौशिको
  • टाउन प्लानर: अशोक कुमार मिश्रा
  • परियोजना अभियंता: बाबू राम
  • समूह आवास विभाग में एजीएम : शैलेंद्र कैरे
  • वित्त नियंत्रक: ए सी सिंह

चार्जशीट में इन अधिकारियों के नाम शामिल

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सुपरटेक ग्रुप और नोएडा प्राधिकरण के बीच कथित मिलीभगत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने का निर्देश भी दिया था।

---विज्ञापन---

जांच के दौरान एसआईटी ने नोएडा प्राधिकरण के 26 अधिकारियों को जिम्मेदार पाया था, जिन्होंने कथित तौर पर सुपरटेक को ट्विन टावर बनाने की मंजूरी दी। 26 अधिकारियों में से 20 सेवानिवृत्त हो चुके हैं, दो की मौत हो चुकी है और चार अभी भी सेवा में हैं।

एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 4 अक्टूबर 2021 को मामला दर्ज किया गया था, जिसमें सुपरटेक के चार निदेशकों का भी नाम था। लखनऊ में सतर्कता विभाग ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और विभागीय जांच के आदेश भी दिए।

अभी पढ़ें Swine Flu: झारखंड में स्वाइन फ्लू के चार केस मिले, हाई अलर्ट पर हेल्थ डिपार्टमेंट

जांच में ये भी पाया गया कि सुपरटेक को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देकर तीन पूर्व मुख्य अग्निशमन अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया। तीनों अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

  • राजपाल त्यागी
  • आई एस सोनी
  • महावीर सिंह

पुलिस ने नोएडा दमकल विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

अभी पढ़ें   देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

Click Here – News 24 APP अभी download करें

HISTORY

Written By

Om Pratap

Edited By

Manish Shukla

First published on: Aug 28, 2022 03:54 PM
संबंधित खबरें