नई दिल्ली: ATK मोहन बागान के पूर्व डिफेंडर आशुतोष मेहता को डोपिंग के आरोप में दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने ये कार्रवाई की है। 14 सितंबर को एक आदेश में पैनल ने मॉर्फिन से संबंधित अपराध के लिए खिलाड़ी पर निलंबन लगाया। मेहता ने भारत में सभी लीगों में 207 मैच खेले थे। जिसमें उन्होंने मुंबई सिटी आइजोल, मोहन बागान के साथ-साथ आईएसएल में नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड एफसी और हाल ही में एटीके मोहन बागान के साथ पिछले सीजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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बॉडी पेन के बाद ली थी दवा
मेहता को पहली बार 2 मार्च, 2021 को 35 सदस्यीय राष्ट्रीय शिविर के लिए नामित किया गया था। उन्होंने 25 मार्च को ओमान के खिलाफ पदार्पण किया। हालांकि, इस सीजन में डिफेंडर के चेन्नईयिन एफसी में शामिल होने की अफवाह थी। मेहता का परीक्षण नाडा इंडिया द्वारा 8 फरवरी, 2022 को गोवा में हैदराबाद एफसी के खिलाफ एटीके मोहन बागान मैच में किया गया था।
सुनवाई के दौरान खिलाड़ी ने दावा किया कि उसे टीम के एक साथी ने दवा दी थी और इसे आयुर्वेदिक उपचार के लिए समझा। मेहता ने टीम के साथी का नाम देकर नाडा को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। उसने दावा किया कि उसे शरीर के दर्द से उबरने में मदद करने के लिए दवा दी गई थी।
अपील करने का विकल्प
मेहता की दो साल की निलंबन अवधि 24 जून, 2022 से शुरू होगी, क्योंकि उन्होंने स्वैच्छिक अस्थायी निलंबन स्वीकार कर लिया था। मॉर्फिन एक निर्दिष्ट पदार्थ है जिसके परिणामस्वरूप आम तौर पर दो साल का निलंबन होता है। मेहता के पास इस फैसले के खिलाफ डोपिंग रोधी अपील पैनल (एडीएपी) में अपील करने का विकल्प है।
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