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WPL: कोलकाता में खरीदना चाहती हूं फ्लैट, टीम इंडिया की बल्लेबाज ने जताई बड़ी ख्वाहिश

नई दिल्ली: टीम इंडिया की युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष महिला प्रीमियर लीग के उद्घाटन संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए खेलने को तैयार हैं। टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाली ऋचा घोष ने अपने संघर्ष पर बात की है। आरसीबी ने 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा अपने […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Feb 28, 2023 21:41
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WPL Richa Ghosh
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नई दिल्ली: टीम इंडिया की युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष महिला प्रीमियर लीग के उद्घाटन संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के लिए खेलने को तैयार हैं। टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाली ऋचा घोष ने अपने संघर्ष पर बात की है।

आरसीबी ने 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा

अपने संघर्ष और यात्रा में आने वाली कठिनाइयों के बारे में बात करते हुए घोष ने कहा- शुरुआत में सिलीगुड़ी के बहुत से लोगों ने मेरा समर्थन नहीं किया। मुझे अपने जिले से बाहर निकलने का मौका नहीं मिल रहा था। माता-पिता ने उस समय लोगों की बुराईयों को सहन किया। आज वही लोग आते हैं और हमसे मिलकर खुश होते हैं। मेरे माता-पिता खुश हैं कि जिसने भी उन्हें परेशान किया था, वही अब उनसे पूछताछ करने आ रहे हैं। ऋचा घोष को मुंबई में हुई महिला प्रीमियर लीग नीलामी में आरसीबी ने 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा था।

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मैं कोलकाता में एक फ्लैट खरीदना चाहती हूं

19 साल की ऋचा ने कहा- “मैं वास्तव में ऐसे खिलाड़ियों को पसंद करती थी जो मैच जीतने के लिए छक्के मारते थे। मुझे ऐसा लगता था कि मैं भी उन शॉट्स को हिट करना चाहती हूं।” ऋचा सबसे अधिक मांग वाली युवा खिलाड़ियों में से एक बन गई हैं। वह ऐसे में पैसे का उपयोग खास चीज के लिए करना चाहती हैं। उन्होंने कहा- “मैं कोलकाता में एक फ्लैट खरीदना चाहती हूं जहां मेरा परिवार अपने जीवन का आनंद ले सके क्योंकि उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। मेरे पिता अभी भी खेल में अंपायरिंग करते हैं और डब्ल्यूपीएल के बाद मैं नहीं चाहती कि वह काम करें। अब से मैं और मेरी बहन, हम दोनों कड़ी मेहनत करेंगे और माता-पिता को अपने जीवन का आनंद लेने देंगे।”

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ऋचा के पिता मानबेंद्र घोष ने सुनाई संघर्ष की कहानी

ऋचा के पिता मानबेंद्र घोष ने कहा- “जब उसने खेलना शुरू किया, तो मैंने बस यही सोचा उसकी फिटनेस के लिए अच्छा होगा। मैं अपने अभ्यास सत्र के दौरान उस पर नजर रखता। मैंने उसे टेबल टेनिस का सुझाव दिया और स्थानीय अकादमी में ले गया। उसने कुछ गेंदों को मारा और रैकेट को नीचे गिराकर कहा, ‘मैं केवल क्रिकेट खेलूंगी।’ अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए घोष परिवार ने कड़ा संघर्ष किया। मानबेंद्र ने उनके करियर को सहारा देने के लिए अपना बिजनेस तक बेच दिया। उन्होंने कहा- “मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता था क्योंकि मैं उस व्यवसाय को चलाने में व्यस्त था जिससे हमें आय होती थी, लेकिन मैं ऐसे में व्यस्तता के चलते उसके करियर में साथ नहीं दे सकता था। अब जब मैंने अपनी आजीविका के स्रोत को बंद कर दिया है, तो मैं स्वतंत्र हूं। इसलिए उसे जहां भी जाने की आवश्यकता है, मैं उसके साथ जा सकता हूं।”

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Feb 28, 2023 08:09 PM

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