नई दिल्ली: क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू कर इतिहास रच दिया था। इसके बाद तेंदुलकर ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए। जिन्हें तोड़ना नामुमकिन है। तेंदुलकर टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन जड़ने के मामले में नंबर-1 हैं। सचिन को कम उम्र में ही बल्लेबाजी करते देख कई दिग्गजों ने उनके सुनहरे भविष्य की भविष्यवाणी कर दी थी। इसमें से एक थे महान सर डॉन ब्रैडमैन।
ब्रैडमैन का एक बयान क्रिकेट के गलियारों में बार-बार गूंजता है। उन्होंने एक बार सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा था- मैंने उसे टेलीविजन पर खेलते हुए देखा और उसकी तकनीक से चकित हो गया। मैंने अपनी पत्नी को उसे देखने के लिए कहा। अब मैंने खुद भले ही नहीं खेलता, लेकिन मुझे लगता है कि यह खिलाड़ी ठीक वैसा ही खेल रहा है जैसा मैं खेलता था। मैंने उसे टीवी पर खेलते देख कहा था कि दोनों के बीच काफी समानता है। उसकी कॉम्पैक्टनेस, तकनीक, स्ट्रोक प्रोडक्शन … यह सब एक जैसा लग रहा था।
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‘सोने’ जितना बराबर वजनी
अब 26 साल बाद तेंदुलकर ने खुद डॉन की उस प्रशंसा पर खुलकर बात की है। ब्रैडमैन के शब्दों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि तब उनके जैसे युवा खिलाड़ी के लिए यह बयान ‘सोने’ जितना बराबर वजनी था। हालांकि, तेंदुलकर ने उन समानताओं के बारे में बात करने से परहेज किया जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई महान ने अपने बयान में कहा था।
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तेंदुलकर को इस बयान से मिली मजबूती
तेंदुलकर ने कहा- जवाब देने के लिए यह एक कठिन सवाल है। यह एक बड़ा बयान है। मैं केवल 22 वर्ष का था और इतने क्रम उम्र के पेशेवर एथलीट के लिए ऐसा कुछ सुनना सोने जैसा कीमती था। मेरे लिए यह सही नहीं होगा कि मैं इस बारे में बोलूं कि इनमें क्या समानताएं हैं। यह सब मैं उनके परिवार पर छोड़ता हूं। मुझे लगता है कि यह बयान ऐसे समय में आया जब मुझे लगा कि ‘वाह! मुझे खुद को और जोर देने की जरूरत है। यह सही समय पर आया।
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