Pooja Vastrakar Success Story: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश को हराकर एशिया कप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। सेमीफाइनल मैच में भारत ने एकतरफा जीत दर्ज की है। बांग्लादेश ने भारत को सिर्फ 52 रनों का लक्ष्य दिया था, जो कि भारतीय टीम ने 8 विकेट शेष रहते ही पा लिया। इस मैच में सबसे कमाल का प्रदर्शन देखने को मिला भारतीय गेंदबाज पूजा वस्त्राकर का, जिन्होंने बांग्लादेश के 4 घातक खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखा दी। आज पूजा वस्त्राकर के लाखों-करोड़ों फैंस होंगे, लेकिन उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा है।
बैट नहीं था तो लकड़ी के पट्टे से खेलती थीं पूजा
बता दें कि पूजा वस्त्राकर का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है। पूजा छह भाई-बहनों में सबसे छोटी है। वह बताती है कि उन्हें सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को खेलते देखना काफी पसंद था। वह काफी गरीब परिवार से आती थी। उनके पिता की छोटी नौकरी थी, जिससे किसी तरह परिवार का गुजारा हो पाता था। पूजा के पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि पूजा को बैट और गेंद खरीद कर दे सकें। इस कारण से पूजा धोने की मोगरी या लकड़ी के पट्टे से क्रिकेट खेला करती थीं।
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मुंबई इंडियंस ने 1.9 करोड़ में खरीदा था
स्कूल के समय में पूजा के क्रिकेट में प्रदर्शन को देखते हुए उनके शिक्षक अजय सिंह ने उनकी फीस माफ कर दी थी। उन्होंने बचपन में आशुतोष श्रीवास्तव से ट्रेनिंग ली थी। आखिरी टी20 वर्ल्ड कप में जाने से पहले पूजा ने अपने पिता को एक 15 लाख की कार खरीद कर गिफ्ट किया था। इससे उनके पिता ने कहा कि यह पैसे की बर्बादी है। बता दें कि 23 वर्षीय पूजा वस्त्राकर को हाल ही में मुंबई इंडियंस द्वारा महिला प्रीमियर लीग की पहली नीलामी में 1.9 करोड़ रुपये की भारी कीमत पर खरीदा गया था।