Yashasvi Jaiswal: भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल इन दिनों बुलंदियों पर हैं। उन्होंने छोटी सी उम्र और इंटरनेशनल करियर में काफी कुछ हासिल कर लिया है। उन्होंने अब तक क्रिकेट के मैदान पर ना सिर्फ भारत में, बल्कि विदेश में भी सफलता हासिल की है। यही वजह है कि उनके हालिया प्रदर्शन ने उन्हें दुनिया के सबसे रोमांचक युवा क्रिकेटरों में से एक के रूप में स्थापित कर दिया है। उन्होंने अब अपनी पहली सैलरी को लेकर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर दुनिया की हर मां को गर्व होगा।
उनसे हाल ही में पूछा गया कि उन्होंने पहली सैलरी मिलने पर क्या किया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सैलरी मिलने पर उन्होंने इसे मां को थमा दिया था। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां कई लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की है।
Question: What did you buy with your first earnings? [Forbes India]
Yashasvi Jaiswal said “I gave it to my mother”. pic.twitter.com/7HkLnyODzT
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संघर्ष में बीता है यशस्वी का बचपन
बता दें कि यशस्वी जब 13 साल के थे, तब वो क्रिकेट खेलने के लिए उत्तर प्रदेश के अपने गांव सूरिया को छोड़कर मुंबई आ गए थे। इस युवा लड़के को बड़े शहर में अपने सपनों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरू में जब उसके पास रहने के लिए घर नहीं था, तब एक डेयरी मालिक ने उन्हें सोने के लिए छत दी थी। हालांकि उस डेयरी मालिक ने यह शर्त भी रखी कि उन्हें इसके लिए उसके काम में हाथ बंटाना पड़ेगा। चूंकि यशस्वी ज्यादातर क्रिकेट में ही बिजी रहते थे, इसकी वजह से वो ऐसा नहीं कर सके।
सबसे पहले हैरिस शील्ड में चमके थे यशस्वी
इसके बाद दुकानदार ने उन्हें बाहर निकाल दिया था। इसके बाद यशस्वी के पास मुंबई के आजाद मैदान में एक टेंट में रहने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा था। वह सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ रहते थे और अपनी रोजी रोटी के लिए खाली समय में पानी पुरी बेचते थे।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सफलता की ओर पहला कदम तब बढ़ाया, जब उन्होंने मुंबई के हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के एक मैच में 319 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने स्कूल स्तर पर और फिर मुंबई अंडर-16 और अंडर-19 टीमों के लिए ढेरों रन बनाए। इसकी वजह से 2018 में उनका सिलेक्शन भारतीय अंडर-19 टीम में हुआ।
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